AI टूल्स का इस्तेमाल अब सिर्फ़ व्यक्तिगत काम तक सीमित नहीं है. OpenAI ने ChatGPT के लिए एक नया और गेम-चेंजिंग फीचर लॉन्च किया है. ये है ग्रुप चैट. लेकिन ये ग्रुप चैट WhatsApp या दूसरे ऐप के ग्रुप चैट से अलग होगा.
यह फीचर टीम कोलैबोरेशन का पूरा तरीका बदल सकता है, क्योंकि अब कई लोग एक साथ एक ही चैट में एआई की मदद से रियल-टाइम में काम कर पाएंगे.
अब तक ChatGPT का एक्सपीरियंस ज्यादातर वन ऑन वन इंटरैक्शन तक सीमित था. लेकिन अब कहानी पूरी बदल गई है. इस नए फीचर के साथ आप एक ऐसा शेयर्ड चैट रूम बना सकते हैं जहां कॉलीग, दोस्त या टीम-मेम्बर्स मिलकर ब्रेनस्टॉर्मिंग कर सकते हैं, स्क्रिप्ट लिख सकते हैं, फैक्ट-चेक कर सकते हैं या फिर किसी बड़े प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर सकते हैं.
ग्रुप चैट फीचर की सबसे बड़ी खूबी है कोलैबोरेटिव इंटेलिजेंस. मतलब टीम के कई लोग एक ही थ्रेड में अपने-अपने सवाल पूछ सकते हैं, सुझाव जोड़ सकते हैं और चैट जीपीटी उनसे एक साथ इंटरैक्ट करता है.
यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप मीटिंग रूम में बैठे हों, लेकिन फर्क यह कि AI हर वक्त आपके साथ मौजूद है. रिसर्चर की तरह, एडिटर की तरह, और कभी-कभी प्रोड्यूसर की तरह भी. यानी मल्टिपल टास्क हो सकते हैं.
कंटेंट बनाने वाली टीमों के लिए यह फीचर खासतौर पर फायदेमंद है. मान लीजिए कोई न्यूज़ स्टोरी डेवलप हो रही है. एक रिपोर्टर बैकग्राउंड मांगेगा, दूसरा डेटा चेक करेगा, तीसरा हेडलाइन के आइडिया पूछेगा. इसी दौरान AI सबके सवालों को समझकर रियल-टाइम इनपुट देगा. इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि आउटपुट की क्वालिटी भी बेहतर होगी.
स्टार्टअप्स या छोटी टीमों के लिए ग्रुप चैट एक तरह से वर्चुअल वर्कस्पेस बन जाएगा. यहां आप प्लानिंग डॉक्यूमेंट जैसे चैट तैयार कर सकते हैं, कोड रिव्यू कर सकते हैं, मार्केटिंग कैंपेन प्लान कर सकते हैं, यहां तक कि अपनी मीटिंग नोट्स और टू-डू लिस्ट भी कलेक्टिव रख सकते हैं. ChatGPT अब सिर्फ एक जवाब देने वाला बॉट नहीं, बल्कि टीम का एक के ऐक्टिव मेंबर की तरह काम करेगा.
प्राइवेसी और कंट्रोल पर भी OpenAI ने खास ध्यान दिया है. एडमिन यह तय कर सकता है कि चैट में कौन जुड़ सकता है, कौन क्या देख सकता है, और किस तरह की एआई इंटरैक्शन की परमिशन होगी. इससे टीमों को सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी दोनों मिलेगी. ऐसा कंपनी ने दावा किया है.
कुल मिलाकर, ChatGPT का ग्रुप चैट फीचर एक नया दौर शुरू कर सकता है. ऐसा दौर जिसमें एआई और इंसान मिलकर तेज़, स्मार्ट और ज्यादा असरदार ढंग से काम करेंगे. यह फीचर खासकर न्यूज, एजुकेशन, रिसर्च और कॉर्पोरेट टीमों के लिए वर्कफ़्लो को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है.
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