बुर्ज खलीफा कैसे बन जाता है दुनिया का सबसे बड़ा डिस्प्ले? 12 लाख LED पिक्स्ल्स और 72km लंबी केबल.. जान कर होंगे हैरान

Burj Khalifa की हाइट और उस पर चलने वाले लाइट शो अक्सर चर्चा में रहते हैं. क्या आप जानते हैं कि इस पर 12 Lakh LED Bulb और 33 किलोमीटर लंबी स्ट्रिप्स का इस्तेमाल किया गया है. आज हम आपको बुर्ज खलीफा इमारत पर लगे लाइट सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं. यह कैसे काम करता है और बिल्डिंग में यह कैसे छिपा रहता है.

Advertisement
Burj Khalifa पर लगाया जा चुका है तिरंगा. Burj Khalifa पर लगाया जा चुका है तिरंगा.

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

PM Modi UAE दौरे पर हैं और यहीं पर है बुर्ज खलीफा. दुबई स्थित बुर्ज खलीफा बिल्डिंग ना सिर्फ दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, बल्कि पर इस पर लगा लाइट सिस्टम की चर्चा दुनियाभर में है. आज हम आपको बताते हैं कि कैसे ये बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी स्क्रीन में तब्दील हो जाती है.

828 मीटर लंबी इस इमारत पर बेहद ही खास LED लाइट सिस्टम फिट किया है. इसमें लाखों बल्ब हैं.अगर इस लाइट को एक लाइन में लगाया जाए, तो यह 33 किलोमीटर लंबी स्ट्रिप्स बनाती है. आज हम आपको इस खास लाइट सिस्टम के बारे में बताने जा रहे हैं. 

Advertisement

न्यू  ईयर हो या फिर कोई स्पेशल दिन, बुर्ज खलीफा का लाइटिंग सिस्टम चर्चा में रहता है. इस पर लाइटों से तिरंगा तक बनाया जा चुका है. अब सवाल आता है कि इतनी ऊंची इमारत को एक टीवी स्क्रीन में कैसे कंवर्ट किया जा सकता है? जानते हैं इसके बारे में. 

कितने किलोमीटर लंबी है लाइट्स 

बुर्ज खलीफा के बाहर हिस्से पर 12 लाख LED लाइट को इंस्टॉल किया है. सभी लाइट की स्ट्रिप्स को एक लाइन में लगाया जाए, तो यह टोटल 33 किलोमीटर लंबी हो जाती है.  इस इमारत पर 10 हजार कनेक्टर्स का इस्तेमाल किया है. इसके लिए इमारत में 72 किलोमीटर लंबी केबल का इस्तेमाल किया है, जो 33 हजार वर्ग मीटर को कवर करती हैं. 

ये भी पढ़ेंः 3 लाख का Apple Vision Pro और रिपेयरिंग में लगेंगे 2 लाख, इस दिन से शुरू होगी डिलीवरी 

Advertisement

LED लाइट को खास स्ट्रिप्स के नीचे छिपाया

बुर्ज खलीफा की इमारत पर लगीं छोटी-छोटी LED मिलकर, एक खास व्यू देती हैं. बिल्डिंग को दूर से देखने पर उसे एक स्क्रीन में बदल देती है. इस पिक्चर को या वीडियो को कंपोज करना बड़ा ही आसान है. इस लाइट को बिल्डिंग की खिड़कियों के पास चिपकाया गया है. इसे आसानी से कोई नहीं देख सकता है. ऐसे में यह दूसरे से देखने वाले लोगों को दिखती हैं, लेकिन वहां रहने वाले लोग आसानी से नहीं पकड़ सकते हैं कि LED कहां लगी हैं. 

लाइटिंग में यूज होता है मेन ब्रेन सर्वर 

बिल्डिंग में किसी भी इमेज या वीडियो प्ले करने के लिए एक लैपटॉप का सहारा लिया जाता है. यह लैपटॉप 'मेन ब्रेन' नाम के सर्विस से कनेक्ट होता है. यह सिस्टम फाइबर ऑप्टिक और छोटे से ब्रेन के साथ आता है. यह सिस्टम छोटी लाइट्स को कमांड देते हैं कि उन्हें किस कलर को जनरेट करना है. 

ये भी पढ़ेंः Infinix Smart 8 Pro हुआ लॉन्च, 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी के साथ आता है फोन

कितनी पावर की होती है जरूरत 

गल्फ न्यूज की रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर इन लाइट्स को 40 प्रतिशत ब्राइटनेस पर सेट किया जाता है. इस लाइटिंग सिस्टम के लिए मैक्सिमम 790 kilowatt पावर की जरूरत होती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement