ब्रिटेन में अब सरकारी डिवाइस पर नहीं चलेगा TikTok, चीनी ऐप पर US की तरफ से भी आया बड़ा बयान

अमेरिका और भारत के बाद अब ब्रिटेन ने भी चीन के वीडियो प्लेटफॉर्म टिक-टॉक (TikTok) को राष्ट्रयी सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उसके खिलाफ एक्शन लिया है. ब्रिटेन ने सरकारी डिवाइस में TikTok के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. वहीं, अमेरिका ने भी इस पर दोबारा गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 5:51 AM IST

ब्रिटेन ने सरकारी कर्मचारियों के सरकारी डिवाइस पर चीनी ऐप टिक-टॉक (TikTok) इस्तेमाल करने पर बैन लगाने की तैयारी कर ली है. UK ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इस प्रतिबंध का ऐलान भी कर दिया है. ब्रिटेन ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब दुनिया के कई देशों खासतौर पर पश्चिमी देशों में TikTok के डेटा की सुरक्षा को लेकर बहस छिड़ी हुई है.

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सरकारी कर्मचारियों के चीनी ऐप का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का फैसला डेटा सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है. ब्रिटेन की कैबिनेट कार्यालय के मंत्री ओलिवर डाउडेन ने इस फैसले पर कहा कि सरकारी कर्मचारियों के निजी डिवाइस पर यह बैन लागू नहीं होगा. लेकिन सरकारी फोन पर टिकटॉक तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है.

ओलिवर डाइडेन ने इस सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी कदम बताया. उन्होंने कहा कि,'ब्रिटेन एक ऐसी प्रणाली की तरफ बढ़ रहा है, जहां सरकारी डिवाइस में सिर्फ पहले से अप्रूव्ड थर्ड-पार्टी ऐप्स ही चल पाएंगे. यह सिस्टम कई विभागों में पहले से लागू है, अब पूरी सरकार में इसे लागू किया जा रहा है.

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने टिकटॉक को अमेरिका की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि चीन के सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के उपयोग को लेकर अमेरिका चिंतित है. यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. 

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बता दें कि हाल ही में यूरोपियन कमिशन (European Commission) ने जासूसी के डर से चीन के पॉपुलर सोशल मीडिया ऐप टिक टॉक पर बैन लगा दिया था. कमिशन ने अपने कर्मचारियों से टिक टॉक ऐप डिलीट करने को कहा था. 

यूरोपियन यूनियन के शीर्ष संगठन यूरोपियन कमिशन ने सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर यह कदम उठाया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था यूरोपियन कमिशन के सभी कर्मचारियों को उनके ऑफिशियल डिवाइसों से टिक टॉक ऐप डिलीट करने को कहा गया था. 

दरअसल, टिकटॉक बार-बार जासूसी या सर्विलांस के आरोपों से इनकार करता आया है. लेकिन अमेरिकी और यूरोप के कुछ अधिकारी बार-बार यह आरोप लगाते रहे हैं कि टिक टॉक का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है. यूरोपियन कमिशन भी अपने कर्मचारियों को आधिकारिक डिवाइसों से इस ऐप को डिलीट करने को कह चुका है.

आयोग की ओर से कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में कहा गया था कि कमिशन के डेटा को बचाने और साइबर सिक्योरिटी को दुरुस्त करने के लिए ईसी के कॉरपोरेट मैनेजमेंट बोर्ड ने कॉरपोरेट डिवाइसों से टिक टॉक ऐप को डिलीट करने का फैसला किया है.

 

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