राज्यसभा चुनाव की वोटिंग से पहले राजस्थान कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक की चिट्ठी से सियासी पारा अचानक चढ़ गया है. पूर्व मंत्रीव और विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को चिट्ठी लिखकर राज्यसभा प्रत्याशी के चयन पर सवाल उठाया.
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने लिखा कि राज्यसभा की दोनों सीट जीतना तो पहले से तय है, जिस गंभीरता के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता इस समय राज्यसभा चुनाव पर ध्यान दे रहे हैं ऐसा पहले नहीं देखने को मिला. अगर लोकसभा चुनावों में भी ऐसे काम करते तो नतीजा कांग्रेस के पक्ष में होता.
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प्रत्याशी पर सवाल उठाते हुए विधायक भरत सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद फिर किसी को कोई लेना देना नहीं रहेगा. अधिकांश राज्यसभा के सांसद उन विधायकों को भी नहीं पहचानते, जो उनको चुनकर राज्यसभा भेजते हैं. भरत सिंह ने पार्टी हाईकमान से मंथन करने की अपील की है.
गौरतलब है कि राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर चार प्रत्याशियों चुनावी मैदान में होने के चलते काफी रोचक मुकाबला बन गया है. कांग्रेस की ओर से केसी. वेणुगोपाल के अलावा दूसरे उम्मीदवार नीरज डांगी हैं. वहीं, बीजेपी ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है.
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कांग्रेस के 107 विधायक हैं. कांग्रेस को 12 निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल है. दूसरी ओर, बीजेपी के 72 विधायक हैं, हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन मिलाकर यह आंकड़ा 75 पहुंचता है. विधायकों के आंकड़ो के लिहाज से कांग्रेस की दो सीटें पक्की है, लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर भी सता रहा है.
शरत कुमार