ई-एजेंडा: पूर्व रॉ अफसर ने कहा-चीन पर सरकार में अंतर्विरोध, हुआवे पर अब तक फैसला नहीं

ई-एजेंडा कार्यक्रम की सीरीज में सुरक्षा सभा में रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि चीन को लेकर सरकार के अंदर एक सोच नहीं है. बीएसएनएल चीन से सामान खरीदती जा रही है. डोकलाम के दौरान भी ट्रेड जारी थी.

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रॉ के पूर्व चीफ जयदेव रानाडे रॉ के पूर्व चीफ जयदेव रानाडे

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2020,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

  • ई-एजेंडा में चीन के साथ कूटनीति पर चर्चा
  • रॉ के पूर्व चीफ बोले- सरकार के अंदर एक सोच नहीं

लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से जारी तनातनी के बीच आजतक ने ई-एजेंडा कार्यक्रम की सीरीज में 'सुरक्षा सभा' का आयोजन किया है. इस कार्यक्रम के तीसरे सेशन में चीन से कूटनीति पर चर्चा की गई. रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि चीन को लेकर सरकार के अंदर एक सोच नहीं है.

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रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि भारत एलएएसी पर आंख से आंख मिलाकर बैठी है. रक्षा मंत्री ने जो कहा वो जवान फॉलो कर रहे हैं. तैयारी हमारी तरफ से है, उनके तरफ से भी होगी. चीन पर भरोसा नहीं करना चाहिए. यह सिर्फ दो जगह घुसपैठ का मामला है. कई जगह पर घुसपैठ की गई है. नेपाल को भी भड़काया गया है.

ई-एजेंडा के सुरक्षा सभा की लाइव कवरेज यहां पढ़ें

रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि हमारे बॉर्डर पर हमें सतर्क रहना चाहिए. चीन के एक्ससाइज के दौरान हमें और सतर्क होना चाहिए था. बीएसएनएल चीन से सामान खरीदती जा रही है. डोकलाम के दौरान भी ट्रेड जारी थी. हुआवे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है. सरकार को सीधा और स्पष्ट रहना चाहिए.

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चीन की प्लानिंग का जिक्र करते हुए रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि एलएसी पर जवानों को इकट्ठा करने के लिए चीन ने दो-तीन महीने की प्लानिंग की है. जवानों को भेजा गया, फिर पीछे से हथियार, हवाई जहाज समेत कई साजो-समान भेजे गए. हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उन्होंने बहुत प्लानिंग की है.

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चूक के सवाल पर रॉ के पूर्व चीफ जयदेव राणाडे ने कहा कि मेरे ख्याल से प्लानिंग की गई थी. अगर प्लानिंग नहीं की गई होती तो 6 दिन के अंदर अलग-अलग पर घुसपैठ की घटना नहीं दे होती. भारत को कम से कम चीन के जवानों के मूवमेंट के बारे में जानकारी होनी चाहिए थी. अगर हमारे पास ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं है तो हमारे पास यह होनी चाहिए.

सबसे अधिक चीनी सामान बीएसएनएल खरीदती है

चीन सीमा विवाद पर ओआरएफ के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने कहा कि भारत को और भी संकेत देने की जरूरत है, जो भारत ने उस लिहाज से नहीं दिए हैं, जिस लिहाज से देना चाहिए. सरकारी कंपनी बीएसएनएल जितना चीनी माल वो खरीदती है, मेरे ख्याल से उतना माल और कोई कंपनी नहीं खरीदती है.

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सुशांत सरीन ने कहा कि चीन से बीएसएनएल इतना सामना क्यों खऱीदती है, यह समझ से परे है. दूसरी बात कि दुनिया भर में हुआवे के उपर एक लिहाज से प्रतिबंद लग रहे हैं और 5जी के ट्रायल उनको नहीं करने दिए जा रहे हैं, लेकिन भारत में उनको वह भी इजाजत दे दी गई है. मेरे ख्याल से कहीं न कहीं आपको इस तरह के संकेत भी देने पड़ेंगे.

चीन की तैयारी तो जंग लड़ने की थी

वहीं, पूर्व राजनायिक पी स्टोबडन ने कहा कि मौजूदा हालात को बनाया रखा जाए. हमें अप्रैल की स्थिति बनाना होगा. चीन को बताना होगा कि हमने अपनी जमीन पर सड़कें बनाना शुरू किया है, तो आप नहीं रोक सकते. चीन ने हमारे साथ विश्वासघात किया. एलएसी के पास 5-10 हजार चीनी सैनिक लाए गए हैं. वह तो तैयारी होकर आए थे कि जंग लड़ेंगे.

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