भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के हाथों गुवाहाटी टेस्ट मैच में 408 रनों से पराजय झेलनी पड़ी. इस हार के चलते भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज को 0-2 से गंवा दिया. गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का दूसरी बार अपने घर पर टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ हुआ है. पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में न्यूजीलैंड ने भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0 से हरा दिया था.
भारत में आकर टेस्ट सीरीज जीतना बड़ी-बड़ी टीमों के लिए आसान नहीं होता था, लेकिन अब भारतीय टीम घर में ही हारने लगी है. खराब प्रदर्शन के बाद सबसे ज्यादा आलोचना टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर की हो रही है. गंभीर के कार्यकाल में भारत ने पिछले सात में से पांच घरेलू टेस्ट गंवाए हैं.
गुवाहाटी में मिली शर्मनाक हार के बाद गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो भाग लिया, लेकिन उन्होंने इस दौरान अपने कोचिंग कार्यकाल का जमकर बचाव किया. गंभीर ने कहा कि वो कोच बने रहेंगे या नहीं, यह फैसला भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) को करना है. गंभीर ने कहा कि उन्हीं की कोचिग में भारत ने एशिया कप और चैम्पियंस ट्रॉफी जीता है, जबकि इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कराया.
'बार-बार बदलाव करना ठीक नही था...'
हालांकि पूर्व भारतीय बल्लेबाज और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज मनोज तिवारी उनकी इस बात से सहमत नहीं हैं. उन्होंने बीसीसीआई से गुजारिश की है कि टेस्ट टीम के लिए कोई दूसरा कोच लाया जाए. तिवारी ने कहा हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, 'सच कहूं तो यह होना ही था. सबकुछ साफतौर पर दिख रहा था. जिस तरीके से टीम में बार-बार बदलाव किए गए, वह सही रणनीति नहीं थी. यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हुआ, न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ और अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी दिखा.'
मनोज तिवारी ने टेस्ट टीम के लिए अलग रेड-बॉल कोच की मांग करते हुए कहा, 'कोई दो राय नहीं है. भारतीय टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए यह फैसला तुरंत लेना चाहिए.' गौतम गंभीर की ओर से एशिया कप और चैम्पियंस ट्रॉफी जीत का श्रेय लेने पर भी मनोज तिवारी ने आपत्ति जताई.
उन्होंने कहा, 'ये टीमें पहले से तैयार थीं. इन्हें रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और उससे पहले विराट कोहली ने बनाया था. गंभीर ना भी होते, तब भी भारत ये टूर्नामेंट जीतता. एक व्हाट बॉल स्पेशलिस्ट कोच का हेड कोच के तौर पर भारत का नेतृत्व करते देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर आपके पास ग्राउंड लेवल का अनुभव नहीं है, तो आप टॉप लेवल पर अच्छे रिजल्ट देने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. यह लगभग असंभव है.'
मनोज तिवारी इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने को भी बड़ी उपलब्धि नहीं मानते हैं. तिवारी का मनाना है कि इंग्लैंड खुद अपनी गलती से सीरीज नहीं जीत नहीं पाया, वरना वे 3-1 से सीरीज जीत सकते थे. उन्होंने बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक पर भी सवाल उठाए, जिन्होंने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर का बचाव किया था.
मनोज तिवारी कहते हैं, 'कोच का काम खिलाड़ियों को बचाना होता है. सार्वजनिक रूप से बैटर्स को दोष देना गलत है. गंभीर की आलोचना हो रही थी तो उन्हें खुद सामने आकर जवाब देना चाहिए था.'
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