विजय हज़ारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए अपने अभियान से पहले अभिषेक शर्मा बेहतरीन लय में नज़र आ रहे हैं. नेट सेशन के दौरान छक्कों की बरसात करते हुए उन्होंने न सिर्फ अपनी शानदार फॉर्म, बल्कि आक्रामक इरादे भी साफ़ तौर पर जाहिर किए. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक पूरी तरह रिदम में दिखे और भारतीय टी20 टीम के साथ अपने शानदार साल को आगे बढ़ाने के मूड में नज़र आए. इस दौरान उन्होंने गेंदबाजी की भी प्रैक्टिस की.
अभिषेक शर्मा ने जड़े 45 छक्के
जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित अनंतम क्रिकेट ग्राउंड पर करीब एक घंटे तक दुनिया के नंबर-1 टी20 बल्लेबाज़ के लिए डिफेंस महज़ एक औपचारिकता बनकर रह गया. यह सत्र एक सामान्य नेट प्रैक्टिस से ज्यादा एक विशेष ड्रिल जैसा लग रहा था, जिसमें अभिषेक ने कम से कम 45 छक्के लगाए. उनका फोकस साफ था. ऐसी पिच पर स्पिन गेंदबाज़ी पर हमला करना, जहां गेंद पकड़ बना रही थी और तेज़ टर्न मिल रहा था.
अभिषेक ने लगातार ऑफ-स्पिन, लेग-स्पिन और लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज़ों का सामना किया. उन्होंने पिच पर लाइट रोलर चलाने की मांग जरूर की, लेकिन इसके बावजूद पिच का मिज़ाज बदला नहीं. कुछ गेंदें अजीब तरीके से उछल रही थीं, जबकि कई गेंदें खतरनाक रूप से नीची रह जा रही थीं. कभी-कभी छोटी लेंथ ने उन्हें परेशान किया, लेकिन उनके शानदार फुटवर्क ने तुरंत इसका जवाब दे दिया.
दो-तीन बार बीट होने के बाद अभिषेक ने खुद को तेजी से ढाला. उन्होंने बेहतरीन तरीके से आगे बढ़कर स्पिनरों का सामना किया और पूरे आत्मविश्वास के साथ गैप्स को निशाना बनाया. जैसे ही लेंथ पीछे खींची जाती, वह आगे निकलते और आसानी से गेंद को हवा में उठाकर खेलते, अक्सर इनफील्ड के ऊपर से गेंद को बाहर भेजते.
आसपास के घरों में गिरी गेंद
उनके कई शॉट्स एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से गए, जिससे स्पिन गेंदबाज़ी पर दबदबा बनाने का उनका इरादा साफ झलका. कुछ मौकों पर तो गेंद सीमा रेखा के पार पास की इमारतों के पास जा गिरी, जिससे सत्र देख रहे साथी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ भी आकर्षित हुए बिना नहीं रह सके.
इसके बाद नेट सेटअप में बदलाव किया गया और शॉर्ट एक्स्ट्रा कवर पर एक फील्डिंग नेट लगाई गई, ताकि गलत टाइमिंग वाले शॉट्स को सज़ा दी जा सके. अभिषेक एक बार उस जाल में फंसे, लेकिन तुरंत सुधार करते हुए सीधे शॉट्स का सहारा लिया और रन गति बनाए रखी.
बीसीसीआई प्रोटोकॉल के चलते अभिषेक को उस मैच पिच पर बल्लेबाज़ी करने की अनुमति नहीं मिली, जिसे आधिकारिक रूप से चिह्नित नहीं किया गया था. इसके बजाय, उन्होंने अतिरिक्त समय तक लेफ्ट-आर्म स्पिन गेंदबाज़ी की और इस दौरान कोचिंग स्टाफ के साथ तकनीकी चर्चा भी करते रहे.
जब पूरी टीम अपना अभ्यास समाप्त कर चुकी, तब पंजाब के कप्तान ने एक बार फिर पैड पहनकर कुछ देर तेज़ गेंदबाज़ों का सामना किया. उन्होंने एक युवा गेंदबाज़ को अपनी लाइन सख़्त करने की सलाह भी दी, जो यह दर्शाता है कि वह सिर्फ बल्लेबाज़ी तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे अभ्यास सत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे.
कुल मिलाकर, यह सत्र विजय हज़ारे ट्रॉफी से पहले अभिषेक शर्मा की पूरी तैयारी की झलक देता है. जिस सहजता से वह छक्के जड़ रहे थे और जिस तेजी से वह परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल रहे थे, उससे साफ संकेत मिलता है कि वह घरेलू सीज़न में भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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