अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पंजाब में नशे के खिलाफ यह सबसे बड़ी लड़ाई है. कई पार्टियां पंजाब को नशे के दलदल में धकेलने के लिए जिम्मेदार थीं. कुछ पार्टियों के मंत्रियों की गाड़ियों में नशा बिक रहा था और सरकार ने इस व्यापार को चलाया. दूसरी पार्टी ने भी गुटखा खाया लेकिन नशे के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. पांच वर्षों में पहली बार सरकार ने ठोस कार्रवाई शुरू की है. नशा बेचने वालों के घरों के ऊपर बुलडोजर चलाए गए और पच्चीस हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.