हिंदी क्रिकेट कमेंट्री के बुनियादी स्तंभ माने जाने वाले मुरली मनोहर मंजुल के देहांत पर क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी ने एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि मंजुल साहब को क्रिकेट कमेंट्री के लिए पाकिस्तान भेजा गया था. आपको विश्वास नहीं होगा. लेकिन, वहां से मंजुल साहब की तारीफ में पाकिस्तानियों के 150-200 पत्र आए थे. ये पत्र मैंने उन्हें सौंपे थे.