Anant Ambani Padyatra: अनंत अंबानी रोज 10-12 किलोमीटर चल रहे पैदल, जानें क्यों की जाती है पदयात्रा

Anant Ambani Padyatra: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डायरेक्टर अनंत अंबानी ने हाल ही में एक पदयात्रा शुरू की है. वह जामनगर से भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका तक पैदल जा रहे हैं. इस बार उन्होंने अपने 30वें जन्मदिन को खास और आध्यात्मिक तरीके से मनाने का निर्णय लिया है.

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अनंत अंबानी 140 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकले हैं. अनंत रोजाना तकरीबन 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहे हैं. अनंत अंबानी 140 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकले हैं. अनंत रोजाना तकरीबन 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहे हैं.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

Anant Ambani Padyatra: एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी इन दिनों काफी चर्चा में हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के डायरेक्टर अनंत अंबानी ने हाल ही में एक पदयात्रा शुरू की है. वह जामनगर से भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका तक पैदल जा रहे हैं. इस बार उन्होंने अपने 30वें जन्मदिन को खास और आध्यात्मिक तरीके से मनाने का निर्णय लिया है.

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कितना लंबा है यह सफर?

अनंत अंबानी की यह पदयात्रा लगभग 140 किलोमीटर लंबी है. यह यात्रा अब पांचवें दिन में प्रवेश कर चुकी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अनंत रोजाना तकरीबन 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर रहे हैं. यात्रा के दौरान वे भगवान के भजन गाते और उनका नाम जपते नजर आए हैं. उनकी गति को देखते हुए अनुमान है कि वे अगले दो से चार दिनों में द्वारका पहुंच सकते हैं. आइए जानते हैं कि पदयात्रा का हिंदू धर्म में क्या महत्व है.

अनंत अंबानी क्यों कर रहे हैं यह पदयात्रा?

पदयात्रा शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है 'पद' यानी पैर और 'यात्रा' यानी सफर. हिंदू धर्म में पदयात्रा का विशेष महत्व है. इसमें किसी पवित्र मंदिर तक पैदल चलना भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. अंबानी परिवार शुरू से ही भगवान द्वारकाधीश का परम भक्त रहा है और वो अपने हर शुभ कार्य से पहले उनके दर्शन जरूर करते हैं.

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इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण कारण है- अनंत अंबानी का जन्मदिन. 10 अप्रैल को अनंत 30 वर्ष के हो जाएंगे और इस खास मौके पर भगवान द्वारकाधीश का आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी पदयात्रा पूरी करेंगे.

क्या है पदयात्रा का महत्व?

कई लोगों का मानना है कि किसी पवित्र स्थल तक पैदल जाने से आत्मा शुद्ध होती है, मानसिक शांति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पदयात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक सफर भी है, जिसमें व्यक्ति अपनी शारीरिक सीमाओं से आगे बढ़कर आस्था, अनुशासन और आत्मचिंतन पर ध्यान देता है.

यह यात्रा भगवान से कुछ मांगने के लिए नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास के साथ उनके चरणों में समर्पण का प्रतीक होती है. अनंत अंबानी की यह पदयात्रा भी उनकी गहरी भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसे वे भगवान को अर्पित कर रहे हैं.

द्वारका नगरी हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है. यह भगवान श्रीकृष्ण के राज्य की राजधानी मानी जाती है और यहां स्थित द्वारकाधीश मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल है. अपने जन्मदिन पर भगवान द्वारकाधीश का आशीर्वाद पाकर अनंत अंबानी की यह यात्रा संपन्न होगी.

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