Vastu Tips: घर की इस दिशा में शीशा लगाना होता है बहुत शुभ, खिंची चली आती है धन-दौलत

Vastu Tips: वास्तु में शीशा घर की ऊर्जा पर गहरा असर डालता है, जिसको लेकर लोगों के मन में कई भ्रम पैदा होते हैं. हर दिशा में लगा शीशा शुभ परिणाम नहीं देता है. कुछ जगहों पर यह धन, रिश्तों और मानसिक शांति को प्रभावित भी कर सकता है. आइए जानते हैं कि घर में शीशा लगाने की सही दिशा क्या है.

Advertisement
घर की इस दिशा में लगाएं शीशा (Photo: Pexels) घर की इस दिशा में लगाएं शीशा (Photo: Pexels)

अंशु पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

Vastu Tips: क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि शीशा भी वास्तु दोष का कारण बन सकता है. जी हां, घर में शीशा लगाने को लेकर लोगों के बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. आमतौर पर माना जाता है कि पलंग के ठीक सामने लगा शीशा घर में अशुभता लाता है. जबकि, दूसरी तरफ कुछ लोग यह मान लेते हैं कि किसी भी कमरे की उत्तर दिशा में शीशा होना हमेशा शुभ माना जाता है. वास्तु की दृष्टि से देखें तो दोनों ही मान्यताएं पूरी तरह सही नहीं हैं. शीशा न तो हर जगह नुकसान देता है और न ही हर दिशा में शुभ परिणाम देता है. इसका प्रभाव पूरी तरह सही दिशा और स्थान पर निर्भर करता है. 

Advertisement

शीशे की सही दिशा

वास्तु शास्त्र में शीशा जल तत्व का प्रतीक माना गया है, इसलिए इसे अग्नि और पृथ्वी तत्व वाली जगहों पर लगाने से बचना चाहिए. यही कारण है कि दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा को छोड़कर उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में शीशा लगाना शुभ माना गया है. कई लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि किसी भी दिशा में बने कमरे की उत्तर दीवार पर शीशा लगाने से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, जबकि यह पूरी तरह भ्रम है. दिशा का निर्धारण हमेशा पूरे घर की मुख्य दिशाओं से होता है, न कि किसी एक कमरे की स्थिति से. 

इस आकार का होना चाहिए शीशा 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जहां तक शीशे के आकार की बात है, तो चार फुट से छोटा मिरर (लगभग 1–2 फीट) किसी भी दिशा में लगाया जा सकता है. यहां तक कि दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में भी. ध्यान सिर्फ इतना रखना होता है कि इन दो दिशाओं में ऐसा बड़ा शीशा न हो जिसमें पूरी आकृति साफ दिखाई दे. माना जाता है कि दक्षिण दिशा में लगा बड़ा शीशा कैश फ्लो और धन की स्थिरता में रुकावट पैदा करता है, जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगा बड़ा मिरर रिश्तों, परिवारिक सामंजस्य और दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ा सकता है. 

Advertisement

शीशा बन सकता है दुर्भाग्य का कारण

हर कमरे की उत्तर दिशा में शीशा लगाना जरूरी या शुभ नहीं होता. उत्तर-पूर्व और पश्चिम दिशा में शीशा लगाने से कोई समस्या नहीं आती, लेकिन दक्षिण दिशा में लगा बड़ा शीशा कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है. अगर किसी कारणवश दक्षिण दिशा में बड़ा शीशा हटाया नहीं जा सकता, तो उसके प्रभाव को कम करने के लिए पीले रंग का पेंट करवाना अच्छा उपाय माना जाता है, क्योंकि पीला रंग दक्षिण दिशा के दोष को शांत करता है. 

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, शीशा जल और आकाश तत्व का माना जाता है, इसलिए इसे वहां लगाया जा सकता है जहां ये दोनों तत्व अनुकूल प्रभाव देते हैं. इसी तरह, पलंग के सामने लगा शीशा भी वास्तु दोष नहीं माना जाता. लोग इसे दुर्भाग्य का कारण समझते हैं, जबकि वास्तविक परेशानी तब पैदा होती है जब शीशे में रात के समय रोशनी या चमक प्रतिबिंबित होकर असहजता या बेचैनी पैदा करें अर्थात समस्या मनोवैज्ञानिक होती है, वास्तु संबंधी नहीं. 

यह दिशा बढ़ा सकती है खर्चे

साउथ-ईस्ट में लगा बड़ा शीशा धन से जुड़ी परेशानियां, साउथ-वेस्ट में रिश्तों में तनाव और साउथ-साउथ-वेस्ट में अनावश्यक खर्चो को बढ़ा सकता है. इसलिए शीशा तभी लाभ देता है जब इसे सही दिशा और सही आकार के साथ लगाया जाए, अन्यथा अनजाने में घर में ऊर्जा असंतुलन पैदा हो सकता है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement