Pitru Paksha 2025: चंद्र ग्रहण के दिन बनेगा दुर्लभ संयोग, क्यों है पितृ पूजन के लिए सबसे शुभ समय?

Pitru Paksha 2025: ज्योतिषियों के अनुसार, पितृ पक्ष और चंद्रग्रहण का एक साथ होना अत्यंत दुर्लभ योग है. इस दिन पितरों की पूजा, तर्पण और दान करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. साथ ही, ग्रहण के दौरान विशेष मंत्रों का जाप और दक्षिण दिशा में दिया जलाना शुभ माना जाता है.

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पितृ पक्ष और चंद्र ग्रहण का संयोग 2025 (Photo: AI Generated) पितृ पक्ष और चंद्र ग्रहण का संयोग 2025 (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:10 AM IST

Pitru Paksha 2025: पंचांग के मुताबिक, 7 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत होने वाली है और साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी पड़ेगा. ज्योतिषियों के मुताबिक, दोनों घटनाओं का एक ही दिन में होना बहुत ही खतरनाक संयोग माना जा रहा है. दरअसल, पितृ पक्ष वह समय है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उनके नाम का तर्पण और पूजा करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका आशीर्वाद हमें मिलता रहे. ये दिन हमारे और पितरों के बीच जुड़ाव का एक पवित्र समय होता है. वहीं, चंद्र ग्रहण का दिन भी बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है. इस दौरान की गई प्रार्थना और साधना का असर कई गुना ज्यादा होता है. यानी छोटी-सी साधना या दान भी बड़ा फल दे सकती है.

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अब सोचिए, जब पितृ पक्ष की शुरुआत और चंद्र ग्रहण एक साथ हों, तो इस समय की ताकत कितनी बढ़ जाएगी. यही वजह है कि इसे बेहद दुर्लभ और खास योग कहा जा रहा है. इस दिन अगर आप सच्चे मन से अपने पितरों को याद करेंगे, उनका श्राद्ध करेंगे, तो उसका असर कई गुना होगा.

यह दिन क्यों खास है?

पितृ पक्ष और चंद्रग्रहण का संयोग एक साथ बहुत ही कम देखने को मिलता है. साल 2025 में ये घटना ओर भी खास इसलिए है क्योंकि ये घटना पितृ पक्ष के पहले ही दिन हो रही है.
आध्यात्मिक नजरिए से माना जा रहा है कि इस समय पितरों की पूजा, दान या तर्पण करते हैं, तो उसका फल सामान्य दिनों से कहीं ज्यादा फल प्राप्त होगा.

पितृ पक्ष के दिन जरूर करें ये कार्य (Pitru Paksha 2025 Upay)

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इस खास दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए बहुत सारे अनुष्ठान किए जाते हैं. जिनमें से कुछ विशेष हैं-

1. इस दिन एक लोटे में जल लें और उसमें काले तिल डालें. फिर, पितरों का नाम लेकर और मंत्रों का जाप करते हुए उनका तर्पण करें. अगर संभव हो तो गंगा, यमुना या नर्मदा जैसी पवित्र नदी के किनारे बैठकर पितरों का तर्पण करें. 

2. इसके अलावा, ग्रहण के समय घर की दक्षिण दिशा में एक दिया जलाएं. उसके सामने थोड़ी देर आंखें बंद करके शांति से बैठें और अपने पूर्वजों को याद करें. 

3. ग्रहण के दौरान अगर आप 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' जैसे मंत्रों का जाप जरूर करें.

4. इसके अलावा, इस दिन पितरों के नाम का नाम दान जरूर करें. साथ ही इस दिन गाय, कुत्ते, पक्षियों को खाना खिलाना और पानी पिलाना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है. 

ग्रहण लगने के समय करें ये काम 

7 सितंबर को जब चंद्र ग्रहण की शुरुआत हो तो उस समय भूल से भी खाना खाने से बचें और सोने से बचें. बल्कि, इस दिन भगवान ध्यान करें या भगवद् गीता, विष्णु सहस्रनाम या रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ पढ़ें. मान्यतानुसार, ग्रहण का समय भगवान से प्रार्थना के लिए बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है. 

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चंद्र ग्रहण की अवधि (Chandra Grahan 2025 Timings)

7 सितंबर को लगने जा रहा चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और यह ब्लड मून भी रहेगा. इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 57 मिनट से होगी और इसका समापन अर्धरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा. इस ग्रहण का पीक टाइम रात 11 बजकर 42 मिनट रहेगा. 

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