Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान और दान करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, साथ ही इस दिन दान करने से कुंडली में मौजूद किसी भी प्रकार के दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.

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मौनी अमावस्या 2025 मौनी अमावस्या 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

Mauni Amavasya 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन मौन रखकर उपवास और स्नान का विशेष महत्व है. मौनी का अर्थ है मौन और इस दिन मौन रहकर आत्मशांति और संयम का पालन करने से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पापों का छय होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है और श्रद्धालु प्रयागराज के संगम में इस दिन स्नान करेंगे. यह दिन सूर्यदेव और पितरों की पूजा के लिए भी उत्तम माना जाता है. इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है. 

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मौनी अमावस्या की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा.

मौनी अमावस्या स्नान-दान का मुहूर्त (Mauni Amavasya 2025 shubh muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त- 29 जनवरी को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक

प्रातः सन्ध्या- 29 जनवरी को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक  

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करना पवित्र होता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत समान हो जाता है. मान्यताओं के अनुसार, माघ माह की अमावस्या पर ऋषि मनु का जन्म हुआ था इसलिए यह तिथि मौनी अमावस्या के नाम से जानी गई. जो मनुष्य इस दिन मौन व्रत रखता है उसे अपने जीवन में वाक् सिद्धि प्राप्त होती है. 

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मौनी अमावस्या पूजन विधि

मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना फलदायी माना जाता है. इस दिन नित्य कर्मों को करने के बाद गंगा नदी में स्नान करें और यदि ऐसा करना संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. स्नान के पश्चात भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. फिर, जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बाद तुलसी मैया की 108 बार परिक्रमा करें. उसके उपरांत अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन, धन अथवा वस्त्र आदि दान करें. 

मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय

1. जो लोग अपने पूर्वजों की कृपा पाना चाहते हैं, वह मौनी अमावस्या के दिन पीले वस्त्र पहनकर पितरों का ध्यान करें. ऐसा करना शुभ होता है और इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं. 

2. घर के मुख्य द्वार पर जल में हल्दी मिलाकर छींटे लगाएं और साथ ही, घर की चौखट की साफ-सफाई करें. इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है. 

3. मौनी अमावस्या की तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और पीपल के पेड़ के पूजन का भी विधान है. 
 

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