Guru Chandal Yog: ज्योतिष शास्त्र में शुभ और नकारात्मक योग दोनों होते हैं. सबसे बड़े नकारात्मक योगों में से एक 'गुरु चांडाल योग' है. अगर कुंडली में राहु बृहस्पति एकसाथ हों तो यह योग बन जाता है. कुंडली में कहीं भी यह योग बनता हो तो हमेशा नुकसान ही करता है. अगर यह लग्न, पंचम या नवम भाव में हो तो विशेष नकारात्मक होता है. गुरु चांडाल योग का अगर समय पर उपाय न किया जाए तो कुंडली के तमाम शुभ योग भंग हो जाते हैं.
गुरु चांडाल योग का प्रभाव (Guru chandal yog effect)
गुरु चांडाल योग व्यक्ति के शुभ गुणों को घटा देता है और नकारात्मक गुण बढ़ा देता है. अक्सर यह योग होने से व्यक्ति का चरित्र कमजोर होता है. इस योग के होने से व्यक्ति को गंभीर रोग होने की संभावना बनती है. साथ ही, व्यक्ति धर्म भ्रष्ट हो जाता है. अपयश का सामना करना पड़ता है. अगर किसी महिला की कुंडली में यह योग हो तो वैवाहिक जीवन नरक बन जाता है. ऐसी महिलाओं का शादीशुदा जीवन बहुत अच्छा नहीं रहता है.
गुरु चांडाल योग कब काम नहीं करता?
अगर व्यक्ति का बृहस्पति उच्च राशि में हो तो गुरु चांडाल योग काम नहीं करता है. इसके अलावा, अगर राहु गुरु के साथ कोई और ग्रह भी हो, बृहस्पति अस्त हो या वक्री हो तो गुरु चांडाल योग का प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है. साथ ही, अगर किसी सद्गुरु की कृपा हो, तब भी ये योग काम नहीं करता है.
गुरु चांडाल योग के उपाय (Guru chandal yog upay)
हमेशा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें. नियमित रूप से किसी भी धर्म स्थान या मंदिर में जाते रहें. नित्य प्रातः गायत्री मंत्र का हल्दी की माला से 108 बार जाप करें. गले में सोने या पीतल का चौकोर टुकड़ा धारण करें. पार्क, मंदिर और सड़कों पर पीपल के पौधे लगवाएं. मांसाहारी भोजन से परहेज करें.
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