आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है. हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का व्रत सुख-समृद्धि और सौभाग्य का कारक माना जाता है. जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है. जन्माष्टमी के दिन भक्तजन लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर निर्जला या जलाहार व्रत रखते हैं. जन्माष्टमी के व्रत में अक्सर लोगों को यह डर रहता है कि अगर उनका व्रत गलती से टूट जाए तो क्या उसे खंडित मान लिया जाए या फिर वो फलदायी रहता है. आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.
यदि जन्माष्टमी का व्रत टूट जाए तो क्या करना चाहिए?
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का व्रत सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. शास्त्रों के जानकार कहते हैं कि अगर भूलवश कुछ खाने-पीने की वजह से व्रत टूट जाए तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. कुछ विशेष उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और व्रत का पूरा फल आपको मिल सकता है.
ज्योतिषविद कहते हैं कि अगर गलती से आपका व्रत टूट जाए तो भगवान कृष्ण के समक्ष बैठकर उनसे क्षमा मांगें. फिर हाथ में गंगाजल लेकर अपनी शुद्धि करें. भगवान कृष्ण से मन ही मन प्रार्थना करें कि अनजाने में हुई आपकी भूल को वो क्षमा कर दें और अपना आशीर्वाद बनाए रखें.
व्रत खंडित हो जाए तो इन मंत्रों का करें जाप
इसके अलावा, व्रत खंडित हो जाने पर भगवान कृष्ण के मंत्रों का जप अवश्य करें. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तुलसी माला से ही इन मंत्रों का जाप करें. व्रत खंडित होने पर इन मंत्र का 11 बार जाप करना शुभ उत्तम होता है.
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देवा परिपूर्ण तदस्तु मे॥
ॐ श्री विष्णवे नमः क्षमा याचना समर्पयामि॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
पीले वस्त्रों का करें दान
यदि जन्माष्टमी के दिन भूलवश आपका व्रत टूट जाए तो आप इस दिन पीले रंग के वस्त्रों का दान विशेष रूप से करें. आप किसी गरीब या जरूरतमंद को खाने की पीली चीजों का दान भी कर सकते हैं. कहते हैं कि इस एक उपाय से भगवान बड़े से बड़ा पाप भी माफ कर देते हैं.
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