Margashirsha Purnima 2023: कब है साल की आखिरी पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Margashirsha Purnima 2023: इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर को है. पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है, सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र होता है और इस दिन की गई ध्यान और प्रार्थना निष्फल नहीं होती. मार्गशीर्ष पूर्णिमा साल की आखिरी पूर्णिमा है.

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023 मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

Margashirsha Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन को बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मार्गशीर्ष का माह भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित किया जाता है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 यानी मंगलवार को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्याताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग काल आरंभ हुआ था. मान्यता है कि इस दिन किया गया है स्नान, दान, और तप (तपस्या) बेहद ही लाभकारी सिद्ध होते हैं. 

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Margashirsha Purnima 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. साल की आखिरी पूर्णिमा 26 दिसंबर को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि इस बार 26 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी और समापन 27 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर होगी. 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का पूजन विधि (Margashirsha Purnima 2023 Pujan Vidhi) 

इस दिन जल्दी उठ कर स्नान करें और घर साफ करें. इस दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर बंदरवार लगाएं और घर के सामने रंगोली बनाएं. पूजा वाली जगह पर गंगाजल छिडकें और मुमकिन हो तो गाय का गोबर लगाएं. तुलसी में जल चढ़ाएं. गंगाजल और कच्चा दूध मिलाकर भगवान विष्णु, भगवान गणेश, और मां लक्ष्मी को चढ़ाएं. इसके बाद अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, मौली, तुलसी की पत्तियां भगवान को अर्पित करें. सत्यनारायण की कथा पढ़ें और पूजा में शामिल सभी बड़े लोगों से आशीर्वाद लें और सबको प्रसाद दें.

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व (Margashirsha Purnima Importance) 

पौराणिक मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत और पूजा से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है. इस दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करना चाहिए. कहते हैं कि इस दिन किए जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा करने की मान्यता है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भूलकर न करें ये गलतियां (Margashirsha Purnima 2023 dos and donts) 

1. इस दिन सुबह जल्दी उठें और सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. 
2. किसी पवित्र स्थल पर जाकर स्नान करें. 
3. इस दिन का उपवास बेहद ही श्रद्धा, साफ सफाई और निष्ठा के साथ किया जाना चाहिए. 
4. प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब आदि जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें. 
5. उपवास कर रहे हैं तो दोपहर में भूल से न सोएं. 
6. पूजा के दौरान भगवान को चूरमा अर्पित करें. 
7. किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन और जरूरी वस्तु दान करें.

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