Budh Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष व्रत आज, जानें महादेव की पूजन विधि और चमत्कारी मंत्र

Budh Pradosh Vrat 2024: जब बुधवार को प्रदोष होता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं. बुध प्रदोष को उपवास करने से जीवन की तमाम समस्याओं का अंत किया जा सकता है. और अपनी धन संबंधी कामनाओं की पूर्ति भी की जा सकती है.

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बुध प्रदोष को उपवास करने से जीवन की तमाम समस्याओं का अंत किया जा सकता है. बुध प्रदोष को उपवास करने से जीवन की तमाम समस्याओं का अंत किया जा सकता है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

Budh Pradosh Vrat 2024: प्रत्येक माह के दोनों पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष की तिथि कहा जाता है. यह शुभ तिथि भगवान शिव को समर्पित है. कहते हैं कि इस दिन शिव उपासना करने से जीवन के हर दोष का नाश हो जाता है. जब बुधवार को प्रदोष होता है, तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं. बुध प्रदोष को उपवास करने से जीवन की तमाम समस्याओं का अंत किया जा सकता है. और अपनी धन संबंधी कामनाओं की पूर्ति भी की जा सकती है. आइए आपको बुध प्रदोष व्रत की पूजन विधि बताते हैं.

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बुध प्रदोष व्रत पर कैसे करें आराधना?
बुध प्रदोष व्रत के दिन भर फलाहार या जलाहार पर उपवास रखें. शाम के वक्त प्रदोष काल में श्वेत वस्त्र धारण करके शिवजी की उपासना करें. महादेव को हरी वस्तुएं जैसे कि बेल पत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें. शिवजी और पार्वती जी के मंत्रों का जाप करें. मंत्र होंगे- "ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः" और "ॐ गौरीशंकराय.

प्रदोष व्रत में कौन सी सावधानियां बरतें?
बुध प्रदोष में फल और जल पर ही उपवास रखें. इस दिन अन्न खाने से बचें. शिवजी के साथ पार्वती जी का भी पूजन करें. शिव जी को केतकी, केवड़ा अर्पित न करें. शिवलिंग पर सिंदूर, चंदन आदि अर्पित न करें. अगर उपवास न रखें तो सात्विक आहार ही ग्रहण करें.

बुध ग्रह की समस्याओं से मुक्ति
बुध प्रदोष व्रत के प्रदोष काल में शिवजी की उपासना करने से बुध ग्रह से जुड़ी समस्याओं का अंत हो सकता है. बुद्ध को बल मिलेगा. छात्रों की एकाग्रता बेहतर होगी. याद्दाश्त की शक्ति बढ़ेगी. बुध ग्रह की खराब स्थित चर्म रोगों को भी जन्म देती है. ऐसे में बुध प्रदोष व्रत पर आप ऐसे तमाम रोगों से मुक्ति पा सकते हैं. साथ ही, अपनी मधुर वाणी से लोगों का मन जीतने में कामयाब रहेंगे.

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बुध के किस मंत्र का जाप
बुद्ध प्रदोष व्रत के दिन बुध के मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें. उस समय अगर हरे वस्त्र धारण करें तो उत्तम होगा. मंत्र जाप विष्णु भगवान के समक्ष करें. मंत्र होगा "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः". मंत्र जाप कम से कम तीन माह करें.

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