राजस्थान के बीकानेर स्थित अस्पताल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां इलाज के लिए भर्ती 75 वर्षीय महिला मरीज को गलती से दूसरे ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया, जिससे महिला की हालत बिगड़ गई. इसके बाद आनन-फानन में महिला का इलाज शुरू किया गया. मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
एजेंसी के अनुसार, 75 वर्षीय भवानी देवी को गंभीर एनीमिया की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें ब्लड ट्रांसफ्यूजन दिया जा रहा था. परिजनों का आरोप है कि पहले यूनिट का ब्लड सही तरीके से चढ़ाया गया, जो मरीज के ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव के हिसाब से था. लेकिन इसके बाद दूसरी यूनिट के तौर पर बी पॉजिटिव ब्लड दे दिया गया, जिसे बिना क्रॉस-चेक के मरीज को चढ़ा दिया गया.
गलती का पता उस समय चला, जब मरीज के एक रिश्तेदार की नजर ट्रांसफ्यूजन के दौरान ब्लड यूनिट पर लिखे ब्लड ग्रुप पर पड़ी. उन्होंने तुरंत नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को जानकारी दी. इसके बाद ट्रांसफ्यूजन को तत्काल रोक दिया गया और मरीज को इमरजेंसी ट्रीटमेंट दिया गया. डॉक्टरों के अनुसार, समय रहते इलाज मिलने से मरीज की हालत को संभाल लिया गया और फिलहाल वह स्थिर बताई जा रही हैं.
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इस मामले की सूचना सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुरेंद्र वर्मा को दी गई. डॉ. सुरेंद्र वर्मा तुरंत स्थिति का जायजा लेने के लिए विभाग के प्रमुख के साथ कैंसर विंग पहुंचे. उन्होंने कहा कि मरीज अभी बिल्कुल स्थिर है. उनका हीमोग्लोबिन लेवल बहुत कम था, जिसके कारण रात में ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जा रहा था.
ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया के दौरान कुछ दिक्कत आई. उन्होंने कहा कि मामले की जांच करने और यह पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी कि गलती कहां हुई. उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्रवाई जांच के आधार पर की जाएगी.
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