कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन का कथित वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद राजस्थान में सियासी तापमान बढ़ गया है. हाल ही में बाड़मेर से विधानसभा चुनाव हारने वाले जैन की कथित तौर पर अश्लील क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है.
लगे हैं गंभीर आरोप
मेवाराम जैन के अलावा उनके करीबी सहयोगी रामस्वरूप आचार्य पर भी एक महिला ने सामूहिक बलात्कार, यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला ने दावा किया था कि वे उसका और उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न कर रहे थे. उन्होंने पूर्व कांग्रेस विधायक, उनके सहयोगी और राजस्थान पुलिस सेवा के एक अधिकारी सहित छह अन्य लोगों पर उन्हें एक मामले में झूठा फंसाने की कोशिश करने, उन्हें परेशान करने का भी आरोप लगाया है.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
शनिवार को पूर्व विधायक के निलंबन का आदेश जारी होने के बाद राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले पर ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया. इंडिया टुडे ने इस मामले पर जब राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा से बात की तो उन्होंने कहा, 'मैंने मामले में कार्रवाई की है. इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है.'
बीजेपी का पलटवार
राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इंडिया टुडे से कहा, 'मामले में कार्रवाई की गई है. यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि कौन ब्लैकमेल कर रहा था.' दूसरी ओर, भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दावा किया है कि पार्टी के नेताओं को मामले की जानकारी थी लेकिन तब, गहलोत सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत ने इंडिया टुडे से कहा, 'मामला तीन साल पुराना है. कांग्रेस नेताओं को इस मामले की जानकारी थी, फिर भी अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.'
देव अंकुर