पार्वती नदी पर पुलिया गायब! दो दर्जन गांवों के बच्चे मौत की रपट पार कर रोज जाते हैं स्कूल

राजस्थान के धौलपुर जिले की निधेरा कलां ग्राम पंचायत के बच्चे रोज खतरनाक पार्वती नदी के एनीकट की रपट पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. बारिश में नदी उफान पर होने से बच्चे तीन महीने स्कूल नहीं जा पाते. पिछले साल चार लड़कियों की डूबकर मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से पुलिया बनाने की मांग की है.

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पार्वती नदी पर पुलिया गायब!(Photo: Umesh Mishra/ITG) पार्वती नदी पर पुलिया गायब!(Photo: Umesh Mishra/ITG)

उमेश मिश्रा

  • धौलपुर,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:35 PM IST

राजस्थान के धौलपुर जिले की ग्राम पंचायत निधेरा कलां के दो दर्जन गांव-ढाणियों में रहने वाले लोगों के लिए बारिश का मौसम हर साल खतरे से भरा रहता है. पार्वती नदी के किनारे बसे इन गांवों के बच्चों और ग्रामीणों को बोथपुरा ग्राम पंचायत जाने के लिए नदी पर बने एनीकट की संकरी रपट (दीवार) से गुजरना पड़ता है. निधेरा कलां और बोथपुरा को जोड़ने वाला कोई सड़क मार्ग नहीं है, जिसके कारण छोटे बच्चे भी रोज़ाना जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं.

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दरअसल, अजयपुरा, खैमारा, जागीरपुरा, पंछीपुरा, खरगपुरा और भूरा का पुरा जैसी ढाणियों के बच्चे बोथपुरा ग्राम पंचायत के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. लेकिन बारिश के मौसम में पार्वती नदी उफान पर आ जाती है, जिससे एनीकट की रपट डूब जाती है और बच्चों को करीब तीन महीने घर पर ही रहना पड़ता है. पिछले साल यहां चार लड़कियों की डूबकर मौत भी हो चुकी है.

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ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर एनीकट बनने के बाद पानी पूरे साल बना रहता है, लेकिन रास्ता न होने की वजह से बच्चों और महिलाओं को रोज़ाना खतरे में सफर करना पड़ता है. कई बार हादसे भी हो चुके हैं. मजबूरी यह है कि उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर से 35 किलोमीटर का चक्कर लगाकर गांव पहुंचना पड़ता है.

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पांच सौ मीटर की दूरी, लेकिन 16 किलोमीटर का चक्कर

अजयपुरा गांव से बोथपुरा सिर्फ 500 मीटर दूर है, लेकिन रास्ता न होने से बच्चों को उच्च माध्यमिक विद्यालय तक पहुंचने में 16 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. अजयपुरा में स्कूल सिर्फ उच्च प्राथमिक तक है और आगे की पढ़ाई के लिए बच्चों को बोथपुरा जाना ही पड़ता है.

ग्रामीणों के अनुसार, पहले गर्मियों में नदी सूखी रहती थी, लेकिन वर्ष 2019 में गहलोत सरकार ने पानी की समस्या दूर करने के लिए एनीकट का निर्माण करवाया. इससे जलस्त्रोत तो बढ़ा, लेकिन आवागमन की समस्या और गंभीर हो गई क्योंकि एनीकट पर पुलिया नहीं बनाई गई.

बच्चों की किताबें भीग जाती हैं, जूते खराब

स्कूल जाने वाले बच्चों ने बताया कि एनीकट की रपट से गुजरते समय बहुत डर लगता है. कई बार पानी तेज बहाव में होता है, जिससे बैग, किताबें और जूते-चप्पल भी भीग जाते हैं. कई बच्चे फिसलकर चोटिल भी हो चुके हैं.

बच्चों ने बताया कि इस समय अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं लेकिन उन्हें रोज़ाना यही खतरनाक रपट पार करके स्कूल जाना पड़ रहा है. वे प्रधानमंत्री और राजस्थान के मुख्यमंत्री से पार्वती नदी पर पुलिया बनवाने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी जान को खतरा न रहे.

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तहसीलदार बोले- जानकारी नहीं थी, अब होगी जांच

एनीकट की रपट से गुजरने वाले बच्चों को लेकर जब इस मामले में मनियां के तहसीलदार जगवीर सिंह बेनीवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस समस्या की जानकारी नहीं थी, क्योंकि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह तुरंत पटवारी को मौके पर भेजकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करवाएंगे और उसे जिला कलेक्टर को भेजेंगे.

उन्होंने कहा कि एनीकट से निकलना हमेशा खतरनाक रहता है और इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों और बच्चों को उम्मीद है कि अब उनकी वर्षों पुरानी समस्या जल्द दूर होगी और पार्वती नदी पर आवागमन के लिए सुरक्षित पुलिया बन सकेगी.

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