एसआई भर्ती पेपर लीक गिरोह के तार सीधे शेखावाटी से भी जुड़े हैं. जयपुर के स्कूल से पेपर लीक करने वाला मास्टरमाइंड यूनिक भांबू उर्फ पंकज भांबू सहित चूरू और झुंझुनू के 4 आरोपियों का नाम सामने आया है. इनमें से तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है. मास्टरमाइंड यूनिक झुंझुनू जिले के धीरासर का रहने वाला है और फिलहाल पूनिया कॉलोनी चूरू में रहता है. गिरफ्तारी के डर से वह दुबई भाग गया है.
इस मामले में अब तक 14 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस ने बताया कि यूनिक ने अपने छोटे भाई और दोस्त को पुलिस में एसआई बनाने के लिए आर्मी से रिटायरमेंट दिलवाया था. भर्ती की विज्ञप्ति फरवरी 2021 में निकली थी. इसमें कुछ दिन पहले ही भाई को फौज से रिटायरमेंट लेकर घर बुला लिया था. इसके साथ ही दोस्त की भाभी को भी एसआई भर्ती का फार्म भरवाया था.
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सितंबर 2021 में जिस दिन परीक्षा होनी थी, उससे पहले ही यूनिक ने अपने भाई को पेपर भेजा था. तीनों ने एक साथ पेपर पढ़कर परीक्षा दी थी, इसमें तीनों का चयन भी हो गया था. तीनों चूरू जिला मुख्यालय की पूनिया कॉलोनी में रहते हैं. इस भर्ती में झुंझुनू जिले के 41 और चूरू जिले के 20 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.
15 साल पहले चूरू की पूनिया कॉलोने में बसा परिवार
धीरासर के रहने वाले यूनिक उर्फ पंकज भांबू का परिवार करीब 15 साल से चूरू की पूनिया कॉलोनी में रहने आ गया था. उनके घर के पास ही भूदा का बास मलसीसर के रहने वाले रोहिताश्व खिचड़ी ने मकान बना रखा है. दोनों परिवारों में अच्छी जान पहचान है. पंकज का छोटा भाई विवेक और रोहिताश्व सेना में थे. एसआई बनने के लिए दोनों ने सेना छोड़ दी.
वन विभाग में काम करता था यूनिक
मास्टरमाइंड यूनिक भांबू वन विभाग में कार्य करता था. उसकी पत्नी शिक्षा विभाग में सेकंड ग्रेड टीचर पद पर तैनात है. यूनिक की पत्नी पहले ग्रेड थर्ड टीचर थी. पिछली भर्ती में उसका सेकंड ग्रेड टीचर पद पर चयन हो गया. यूनिक को वनपाल परीक्षा पास करने के बाद 21 अगस्त 2023 में पोस्टिंग मिली थी. उसने अलवर में जॉइन किया था और वहां इसकी ट्रेनिंग चल रही थी. यूनिक का पासपोर्ट में नाम विवेक उर्फ यूनिक भम्मू है. लोग उसे पंकज चौधरी के नाम से भी जानते हैं. यूनिक ने भी नकल करके ही नौकरी हासिल की है.
10 लाख में खरीदा पेपर, दो करोड़ कमाए
पेपर लीक करने वाली गैंग ने परीक्षा से पूर्व पेपर बेचकर 2 दिन में ही 2 करोड रुपए कमा लिए थे. इसके लिए सिर्फ 10 लाख रुपए खर्च किए थे, जो जयपुर के रविंद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजेश को दिए गए थे. रविंद्र बाल भारती स्कूल से ही 14 और 15 सितंबर 2021 को पेपर लीक हुआ था. यूनिक अलवर के ट्रेनिंग सेंटर पर ट्रेनिंग कर रहा था. वह चूरू से 45 लाख रुपए की फॉर्चूनर लेकर जाता था. कई बार उसे थार में भी आते-जाते देखा गया था.
एसओजी ने रोहिताश्व को किया गिरफ्तार
एसओजी द्वारा गिरफ्तार रोहिताश कुमार फौज से सेवानिवृत्त हो चुका है. नौकरी के दौरान ही उसने चूरू की पुनिया कॉलोनी में प्लाट ले लिया था. भूदा का बास में उसके पिता शिशुपाल सिंह वह भाई रहते हैं. रोहिताश्व बीए पास है. उसने परीक्षा में 385वी रैंक हासिल की थी. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. रोहिताश्व विधानसभा चुनाव में ड्यूटी कर चुका है. उसके पिता भी सेवानिवृत्त फौजी हैं.
फौजी भाई को भेजी थी पेपर की फोटो
पूनिया कॉलोनी में रहने वाले यूनिक ने फौजी भाई विवेक को पेपर की फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर भेजी थी. विवेक भांबू की भर्ती परीक्षा में 24वीं रैंक आई थी. बीए पास विवेक फौज छोड़कर एसआई पद पर नियुक्त हुआ था. यूनिक के दोस्त की भाभी एकता पुत्री मोहन सिंह की परीक्षा में 123वीं रैंक आई थी. वह बीएससी पास है.
पकड़े जाने के डर से दुबई भागा यूनिक
एसआई की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड यूनिक जेईएन भर्ती 2020 पेपर लीक में भी शामिल था. एसआई भर्ती मामले में पकड़े जाने के डर से यूनिक दुबई फरार हो गया है. इस मामले में उसका भाई विवेक, पड़ोसी रोहिताश्व और दोस्त की भाभी एकता को गिरफ्तार किया गया है. यूनिक लंबे समय से इस तरह के कार्यों में सक्रिय बताया जा रहा है.
प्राचार्य के ऑफिस में छिपा था यूनिक
बताया जा रहा है कि 14 और 15 सितंबर को प्लानिंग के तहत स्कूल में प्राचार्य के ऑफिस में बने छोटे कमरे में यूनिक छिप गया था. एग्जाम से 2 घंटे पहले पेपर सेंटर पर पहुंचे और ऑफिस में रखे गए थे. पहले से अंदर छुपे यूनिक ने पेपर के पैकेट में चीरा लगाकर पेपर निकाला. इसके बाद उसकी फोटो जगदीश बिश्नोई को भेजी थी. जगदीश ने पेपर सॉल्व कर अलग-अलग जगह पर मौजूद अपने गैंग को व्हाट्सएप पर भेज दिया था.
विजय चौहान