कोटा में कोचिंग संस्थानों में निरंतर निरीक्षण, पर्यवेक्षण एवं विद्यार्थियों से संवाद में सामने आ रही समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने विद्यार्थियों को तनाव रहित वातावरण देने की दिशा में दो और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. कोचिंग संस्थानों को विद्यार्थियों के बकाया सिलेबस के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने तथा हॉस्टल में भी पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है. इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं.
डीएम के जारी आदेशों में कहा गया है कि निरन्तर रूप से किये जा रहे स्टूडेंट्स कलेक्टर संवाद में मुख्य रूप से यह सामने आया है कि जब छात्र-छात्रा बीमार पड़ जाते है या किसी कारणवश घर जाते हैं या अन्य कोई कारण से क्लास अटेंड नहीं कर पाते हैं, तो उनके सिलेबस को लेकर बैकलॉग होता है. उसे लेकर वे अत्यधिक तनाव में आ जाते हैं.
डीएम ने जारी किया निर्देश
डीएम ने कहा है कि यही कारण है कि सभी को निर्देशित किया जाता है कि सभी संस्थान अपने स्तर पर अपने यहां बैकलॉग क्लीयरेंस के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना करेंगे एवं उसके बारे में बच्चों को पोर्टल व मैंटर या अन्य माध्यम से अवगत कराएंगें, ताकि बच्चे तनाव मुक्त रह सकें. उपरोक्त आदेश का पालन अविलम्ब सुनिश्चित करेगें तथा पालना रिपोर्ट से अवगत कराएं.
सभी कोचिंग में बनेंगे हेल्प डेस्क
डीएम के आदेश में कहा गया है कि कोचिंग संस्थानों को उनके क्षेत्र के हॉस्टलों में भी पर्यवेक्षण एवं विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के दृष्टिगत फैकेल्टी अथवा स्टाफ को नोडल के रूप में नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर के निर्देशों में कहा गया है कि सभी कोचिंग संस्थानों ने लगभग 150 से 200 बच्चों पर मेंटर की व्यवस्था की है जो नियमित रूप से बच्चों की शैक्षणिक व अन्य समस्याओं का समाधान कर रहे हैं.
हॉस्टलों का होगा पर्यवेक्षण
इसी क्रम में आपसे अपेक्षा है कि आप सभी एक कदम आगे बढाते हुए अपने कोचिंग संस्थान के क्षेत्र में पड़ने वाले हॉस्टलों में फैकल्टी/ स्टाफ को नोडल के रूप में नियुक्त करेंगे, जो पाक्षिक रूप से हॉस्टलों का विजिट करेंगे, बच्चों से संवाद कायम करेंगे, उनके साथ डिनर, स्नैक्स इत्यादि लेंगे तथा हॉस्टल की व्यवस्थाएं चेक करेंगे. इस दौरान कोई समस्या हो तो उसका समाधान भी सुनिश्चित करेंगे और संस्थान को रिपोर्ट करेंगे.
संस्थान अपने स्तर पर रिपोर्ट का एनालाइसिस कर यदि कोई अलार्मिंग सिचुएशन हो तो जिला प्रशासन को भी अवगत कराएंगे. सभी हॉस्टल संचालक कोचिंग संस्थानों से अधिकृत एवं नियुक्त फैकल्टी/ स्टाफ को हॉस्टल में प्रवेश की अनुमति देंगें और बच्चों से संवाद भी करवाएंगे. उक्त सम्बन्ध में सभी कोचिंग संस्थान गर्ल्स हॉस्टलों में फीमेल फैकल्टी स्टाफ को नियुक्त करेंगें.
चेतन गुर्जर