राजस्थान के जोधपुर में सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर में गोली मारकर सुसाइड करने वाले कांस्टेबल के शव को परिजनों ने लेने से इनकार किया. 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी कांस्टेबल के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. परिजनों का कहना है कि पहले बेटे को टॉर्चर करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाए.
दरअसल, मामले में करवड़ पुलिस ने CRPF के 5 जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. परिजन चाहते हैं कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती वे शव को नहीं लेंगे. सोमवार रात 12:00 बजे सीआरपीएफ के डीआईजी भूपेंद्र सिंह ने परिजनों से बात करनी चाही. लेकिन उन्होंने डीआईजी से भी बात नहीं की.
परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में सीआरपीएफ के एएसआई सतवीर, एसआई अर्जुन सिंह, हेड कांस्टेबल बहादुर यादव, सुशील और संजय के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. मंगलवार को कांस्टेल नरेश जाट का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसे उन्होंने सुसाइड से ठीक पहले बनाया है. साथ ही 7 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है. नरेश ने अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
परिजनों ने मांग की है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही मांग की है कि नरेश की बेटी को बालिग होने पर सरकारी नौकरी, पत्नी उर्मिला को आजीवन पेंशन और नरेश के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए.
'जिंदा बेटा दिया था, ये क्या हाल कर दिया'
मीडिया से बात करते हुए नरेश के पिता लिखमाराम ने सीआरपीएफ के अधिकारियों से कहा, ''मैंने जिंदा बेटा दिया था, आप लोगों की वजह से उसका ये हाल हो गया. उसे अब ले जाकर क्या करूं. शहीद होता तो सलामी देकर उसका शव ले लेता.''
क्या है पूरा मामला?
बता दें, जोधपुर में अपने परिवार को बंधक बनाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान ने खुद को गोली मार ली थी. पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने इसकी पुष्टि की. जवान ने 18 घंटों तक पत्नी और बेटी को कमरे में बंधक बनाकर रखा था. साथ ही बार-बार बालकनी में आकर हवाई फायर भी कर रहा था. अधिकारियों ने उसे मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना. मंगलवार को उसने CRPF के आईजी से बात करने की इच्छा जताई. आईजी जयपुर से जोधपुर पहुंचे भी. लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही जवान ने खुद को गोली मार ली.
अशोक शर्मा