भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर 9 अक्टूबर को 41 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा की. इसके बाद से पार्टी में उठ रहे बगावत के सुर सामने आ रहे हैं. भरतपुर जिले की नगर विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहीं अनीता सिंह टिकट न मिलने से नाराज हैं. उन्होंने रविवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
अनीता सिंह के घर पर उनकी विधानसभा क्षेत्र के लोगों की पंचायत हुई. इसमें लोगों ने बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताई. अनीता ने पंचायत के बाद कहा कि इस विधानसभा सीट से लगातार बीजेपी से ही दो बार विधायक रही हूं. पार्टी के लिए बहुत मेहनत की. 2 महीने तक पार्टी के बड़े नेताओं से मिली थी. नेताओं ने आश्वासन दिया था. फिर भी टिकट कट गया.
'टिकट काटकर पार्टी ने बहुत गलत काम किया'
अनीता ने कहा कि क्षेत्र की जनता फोन कर रही थी और आज पंचायत का आयोजन किया. इसमें क्षेत्र की जनता ने कहा है कि निर्दलीय चुनाव लड़िए. इसलिए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करती हूं. जिसने पार्टी को बहुत आगे बढ़ाया और यहां तक पहुंचाया, उस इंसान की टिकट काटकर पार्टी ने बहुत गलत काम किया है.
'आपने मुझे धोखा दिया, बंधन से निकल चुकी हूं मैं'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने बीजेपी के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया. पार्टी के नेताओं के मेरे पास फोन आए हैं. मैंने उनको कह दिया है कि मैं अब आपके बंधन से निकल चुकी हूं. आपने मुझे धोखा दिया है. जनता का फैसला ही सर्वोपरि है. इसलिए उनके हक के लिए मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ेगा.
जवाहर सिंह को मिला है टिकट
गौरतलब है कि नगर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहीं अनीता का टिकट काटकर बीजेपी ने जवाहर सिंह बेढम को टिकट दिया है. जवाहर सिंह साल 2018 में कामा से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे और 40,000 वोट से हार गए थे.
सुरेश फौजदार