कहते हैं मरते हुए इंसान की आखिरी ख्वाहिश जरूर पूरी करनी चाहिए. अतुल सुभाष तो मरने से पहले पूरे देश को ही अपनी ख्वाहिश बता गया है. अतुल ने अपनी अस्थियों को लेकर दो ख्वाहिशें जताई हैं. पहली, फैसला आने तक अस्थियां सहेज कर रखी जाए और दूसरी फैसला हक में ना आने पर कोर्ट के बाहर बहा दी जाए. अब उसके पीछे इस दुनिया में अगर उसकी इन दोनों ख्वाहिशों को कोई पूरी कर सकता है तो वो दो ही लोग हैं. एक अदालत और दूसरा परिवार. देखें वारदात.