जिंदगी को लॉजिक से नहीं समझा जा सकता है. जिंदगी में बहुत सारी चीजें हैं, जो इलॉजिकल हैं. आप सोचते कुछ हैं और हो कुछ और जाता है. किसी के लिए आप अपनी जान न्योछावर कर देते हैं, लेकिन वह आपसे बात नहीं करना चाहता है. अब बनना और करना कुछ और चाहते हैं, लेकिन स्थितियां आपको कहीं और पहुंचा देती हैं. यह जिंदगी की अपनी लॉजिक है. इसके साथ आपको तालमेल बैठना पड़ता है और आपको समझना पड़ता है कि जिंदगी का इशारा क्या है? वक्त के साथ किस तरह ताल मुलाएं....जानने के लिए देखिए आपके तारे....