जब भी आप कुछ अच्छा करते हैं अच्छा सोचते हैं या अच्छी बात कहते हैं. तो उसे तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है. सबसे पहले उसका मजाक उड़ाया जाता है. उसके बाद उसका विरोध किया जाता है. तब जाकर लोग उसे स्वीकार करते हैं.