कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू का भाषण सुना क्या? ट्रूडो और खालिस्तानियों की हवा निकाल कर रख दी

कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने लोकसभा में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो और खलिस्तानी आतंकवादियों को जमकर लताड़ने की जो हिम्मत दिखाई है वो काबिलेतारीफ है. उन्‍होंने जो कुछ कहा, कायदे से वह सब भारत सरकार को कहना चाहिए, लेकिन बिट्टू की बातों में आपबीती का दर्द भी था. उनके दादा पूर्व सीएम बेअंत सिंह को खालिस्‍तानी आतंकियों ने ही मार डाला था.

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कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की नस-नस में खालिस्‍तानियों के प्रति गुस्‍सा आग बनकर दौड़ रहा है. वो पंजाब के मुख्यमत्री बेअंत सिंह के पोते हैं. जिनकी हत्‍या खालिस्‍तानी आतंकियों ने की थी. पंजाब का सीएम रहते हुए बम विस्फोट करके उन्‍हें उड़ा दिया गया था. उनके परिवार ने पंजाब की शांति के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकाई है.

लगातार तीन बार से एमपी बन रहे इस नेता को न पंजाब के आतंकवादियों का खौफ है, न ही पंथक कमेटियों का जिसमें से कई ट्रूडो की भाषा बोल रहे हैं. लोकसभा में बोलते हुए बिट्टू ने न केवल कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की जमकर लताड़ लगाई बल्कि बिना किसी इफ- बट के भारतीय विदेश नीति की तारीफ भी की.रवनीत का यह भाषण इस लिए खास बन जाता है क्योंकि ऐसे समय में जब एसजीपीसी खुलकर ट्रूडो मामले में भारत सरकार पर ही हमलावर है और पंजाब के अधिकतर नेता बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं. 

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रवनीत ने क्या बोला

 कांग्रेस सांसद रवनीत ने लोकसभा में दहाड़ते हुए कहा कि हरदीप सिंह निज्जर जैसे आतंकवादियों से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को फंड मिल रहा है.ये गैंगस्टर (कनाडा में) पंजाब में ड्रग्स की आपूर्ति कर रहे हैं और युवा पंजाबियों को बर्बाद कर रहे हैं. निज्जर एंड कंपनी ने कनाडा में हमारे गुरुद्वारों पर कब्जा कर लिया है. हम वहां जो चढ़ावा चढ़ाते हैं, उसका पूरा पैसा ट्रूडो की पार्टी को दिया जाता है. उन्होंने निज्जर को अपने दादा पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारों का का राइट हैंड बताया.बिट्टू ने कहा कनाडा 1985 में हुए कनिष्क विमान को उड़ाने वालों की जांच नहीं कर सका और निज्जर जो ड्रग तस्करों की आपसी राइवलरी में मारा गया उसकी जांच की मांग कर रहा है.

ट्रूडो की भाषा बोल रही एसजीपीसी

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रवनीत के उलट पंजाब में सिखों के दूसरे नेताओं को भी सुनिए. सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कनाडा की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है. SGPC इस मुद्दे पर कनाडा के बजाय भारत सरकार से ही पत्र लिखकर भारत सरकार से जवाब मांगने की बात कही है.
SGPC के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने मंगलवार को वीडियो संदेश में कहा कि विदेशी सरकारों की तरफ से जो खुलासे किए जा रहे हैं, SGPC को उसकी चिंता है. धामी और ग्रेवाल दोनों ही देश-विदेश में बैठे सिखों से अपील कर रहे हैं आप लोग इस मामले को लेकर गंभीर हों. एसजीपीसी नेताओं ने कहा कि देश-विदेश में सिखों को देशद्रोही और आतंकी कहने का जो काम चल रहा है, उसे रोका जाए.

अकाली नेता ने पीएम से संसद में बयान की मांग की

शिरोमणि अकाली दल भारत और कनाडा के बीच चल रही हॉट टाक पर बहुत बचकर बयान दे रही है. शिरोमणि अकाली दल ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि हम, आम तौर पर पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों ने, देश की स्वतंत्रता, सुरक्षा और अखंडता के लिए अद्वितीय बलिदान दिया है और उस पर कभी कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.पार्टी ने कहा है कि ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं वह गंभीर मसला है. अकाली दल नेता दलजीत चीमा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इस पर संसद में बयान देना चाहिए.

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कनाडा विवाद पर कांग्रेस का रुख

वैसे रवनीत सिंह बिट्टा की पार्टी कांग्रेस का रुख पूरी तरह सरकार के साथ है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा ने एक्स पर लिखा, "कांग्रेस का हमेशा से यह मानना है कि जब देश पर आतंकवाद का खतरा हो तो एकजुटता बनी रहनी चाहिए. खासकर ऐसी घटनाएं जिनसे भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए खतरा हो, कांग्रेस केंद्र के साथ मजबूती से खड़ी है.'कांग्रेस के एक और सांसद अभिषेक मनु सिंह सिंघवी ने भी कनाडा के प्रधानमंत्री की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए जितने खतरनाक दूसरे दुश्मन हैं, उतना ही जस्टिन ट्रूडो भी हैं. 

 कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगाया है. यही आरोप लगाते हुए कनाडाई सरकार ने एक भारतीय डिप्लोमेट को अपने देश से भी निकाल दिया. भारत सरकार ने भी ईँट का जवाब पत्थर से देते हुए कनाडा के उच्चायुक्त को 5 दिन के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया.

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