आखिर अमेरिका की धरती से भारत को एटमी धमकी देने की हिम्‍मत आसिम मुनीर को कैसे मिली?

अगर ईरान संकट हल हो जाता है या भारत के साथ व्यापारिक समझौता होता है, तो मुनीर से दूरी बना लेंगे ट्रंप. क्योंकि अमेरिका को पता है कि मुनीर पाकिस्तान की अवाम की आवाज नहीं हैं. इमरान खान के समर्थकों का विरोध और आंतरिक अस्थिरता भी मुनीर की स्थिति को वैसे भी कमजोर करते हैं. दूसरे अब अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं रही कि वह बेवजह अरबों डालर यूं ही कही पानी की तरह बहाता रहे.

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डोनाल्ड ट्रँप और आसिम मुनीर डोनाल्ड ट्रँप और आसिम मुनीर

संयम श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने अमेरिका के फ्लोरिडा के टैम्पा में भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला. उन्होंने भारत पर अमेरिका की धरती से परमाणु हमले की धमकी दी. मुनीर की बातों में पाकिस्तान के परमाणु संपन्न राष्ट्र होने का अहंकार स्पष्ट दिख रहा है. मुनीर कहते हैं कि हमें लगा कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे. सवाल यह है कि एक तरफ यूएस पूरी दुनिया को परमाणु बम से बचाने के लिए ईरान को तबाह करने को तैयार है. दूसरी तरफ पाकिस्तान उसकी धऱती पर ही आधी दुनिया को मिटाने की बात कर रहा है.

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अमेरिकी धरती से इस तरह किसी तीसरे देश के खिलाफ दी गई परमाणु धमकी को पहला वाकया माना जा रहा है. जाहिर है कि दक्षिण एशिया और वैश्विक मंच पर मुनीर के बयान ने तनाव बढ़ा दिया है. मुनीर सिंधु जल संधि को लेकर भी धमकी देते हैं कि अगर भारत बांध बनाएगा, तो पाकिस्तान उसे 10 मिसाइलों से नष्ट कर देगा. मुनीर को ऐसा क्यों लगता है भारत के पास मिसाइल है ही नहीं, या पाक से मिसाइलें आने पर भारत हाथ पर हाथ धर के बैठा रहेगा? मुनीर को पता नहीं है कि जिस अमेरिका की छाती पर बैठकर वो जहर उगल रहे हैं वो उन्हें मौका पड़ने पर दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा.

आसिम मुनीर का यह बयान टैम्पा में व्यवसायी और मानद वाणिज्य दूत अदनान असद द्वारा आयोजित एक डिनर के दौरान आया, जहां लगभग 120 पाकिस्तानी प्रवासी और कुछ अमेरिकी सैन्य अधिकारी मौजूद थे. मुनीर अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के सेवानिवृत्ति समारोह में शामिल होने आए थे. यह उनकी दो महीने में दूसरी अमेरिकी यात्रा थी, जिसमें उन्होंने पहले जून 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात की थी. यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भारत टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से हर दिन तनाव बढ़ रहा है.

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भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से आसिम मुनीर की न्‍यूक्लियर धमकी का मुंहतोड़ जवाब  दिया गया है. भारत ने स्‍पष्‍ट कर दिया है क‍ि वह अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए कदम उठाता रहेगा. पाकिस्‍तान की न्‍यूक्लियर धमकी नई नहीं है. जिसका उस पर कोई असर नहीं पड़ता. भारत ने एक मित्र (अमेरिका) की धरती से दी गई इस धमकी को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया.

1- मुनीर को यूएस के चरित्र के बारे में नहीं पता, बहुत जल्दी दूध की मक्खी बन जाएंगे

अमेरिका से वफादारी की मुनीर को उम्मीद एक दिन उन पर बुरी तरह भारी पड़ने वाली है.  अमेरिका जिस दिन अपना मतलब पाकिस्तान से निकाल लेगा उन्हें दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा. पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की बार-बार अमेरिकी यात्राएं और संडे को टैम्पा में भारत के खिलाफ परमाणु धमकी ने उनके अमेरिका से बढ़ते रिश्तों को उजागर किया है. मुनीर को लगता है कि अमेरिका उनकी और पाकिस्तानी सेना की स्थिति को मजबूत करेगा.

पर अमेरिकी इतिहास कहता है कि उसके रणनीतिक हितों के पूरा होने के बाद वो ऐसे फील्ड मार्शलों को दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंकता रहा है. मुनीर ने ISIS-खोरासन के आतंकियों को पकड़कर अमेरिका का विश्वास जीता, जिसके बदले उन्हें सैन्य और आर्थिक सहायता का लालच दिया गया. मुनीर ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर और भारत-पाक तनाव कम करने में उनकी भूमिका की सराहना कर वफादारी दिखाई. मुनीर को लगत है कि यह समर्थन पाकिस्तान को आर्थिक संकट और ऑपरेशन सिंदूर की हार से उबारने में मदद करेगा.

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अमेरिका, खासकर ईरान-इज़रायल तनाव के बीच, पाकिस्तान को हवाई अड्डों और लॉजिस्टिक्स के लिए उपयोग करना चाहता है. ट्रम्प ने मुनीर से चीन और रूस से दूरी बनाने को कहा, ताकि पाकिस्तान को अपने सुरक्षा ढांचे में शामिल किया जाए. हालांकि, यह समर्थन अस्थायी है.

अगर ईरान संकट हल हो जाता है या भारत के साथ व्यापारिक समझौता होता है, तो अमेरिका मुनीर से दूरी बना लेगा. क्योंकि अमेरिका को पता है कि मुनीर पाकिस्तान की अवाम की आवाज नहीं हैं. इमरान खान के समर्थकों का विरोध और आंतरिक अस्थिरता भी मुनीर की स्थिति को कमजोर करती है. दूसरे अब अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं रही कि वह बेवजह अरबों डालर यूं ही कही पानी की तरह बहाता रहे.

2-अमेरिका चमचमाती मर्सिडीज का साथ देगा या कबाड़ से भरे ट्रक का 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने खुद ही भारत को चमकती मर्सिडीज और पाकिस्तान को कंकड़ से भरा डंप ट्रक की संज्ञा दी है. यह कहते हुए कि अगर ट्रक मर्सिडीज से टकराएगा, तो नुकसान भारत का होगा.भारत को पाकिस्तान का चमकती मर्सिडीज कहना बहुत मायने रखता है. मतलब साफ है कि पाकिस्तान अब भारत की आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक ताकत को समझने लगा है. पाकिस्तान को जन्नत की हकीकत पता चल गई है.

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मुनीर को यह भी पता होना चाहिए कि अमेरिका के लिए भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के खिलाफ क्वाड गठबंधन में. भारत की 1.4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, तेजी से बढ़ता तकनीकी क्षेत्र, और S-400, अग्नि-5 जैसी सैन्य क्षमताएं उसे क्षेत्रीय शक्ति बनाती हैं. 2025 में भारत ने रूस और ब्रिक्स देशों के साथ संबंध मजबूत किए, जिससे अमेरिका के लिए उसका महत्व बढ़ा. 

हालांकि, ट्रम्प के 50% टैरिफ (25% बेस + 25% अतिरिक्त) ने भारत को नाराज किया, लेकिन यह अस्थायी तनाव है. अमेरिका भारत को अपने दीर्घकालिक हितों—चीन का मुकाबला, व्यापार और रक्षा सहयोग—के लिए मजबूर होगा कि पाकिस्तान के मुकाबले भारत को अधिक तवज्जो मिले.

3-⁠आसिम मुनीर पाकिस्तान को ट्रक बनाए रखना चाहते हैं  

मुनीर पाकिस्तान की मार्केटिंग दुनिया में आक्रामक और अस्थिर ट्रक के रूप में क्यों कर रहे हैं. क्या वह चाहते हैं कि पाकिस्तान को लोग एक उदंड राष्ट्र के रूप में जानें?  पाकिस्तान क्यों चाहता है कि दुनिया में उसे लोग अस्थिरता के स्रोत के रूप में देखें?. मुनीर ने अपने देश पाकिस्तान को ट्रक की उपमा सैन्य ताकत और परमाणु क्षमता पर जोर देने के लिए करते हैं., जिसे वह भारत के खिलाफ धमकी के रूप में इस्तेमाल करते हैं. यह रणनीति कुछ दिनों के लिए आंतरिक समर्थन जुटाने के लिये तो ठीक है पर पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग कर सकता है. उनकी अमेरिकी यात्रा और ट्रंप के साथ निकटता से उन्हें कूटनीतिक समर्थन मिला, लेकिन परमाणु धमकी पर अमेरिका की चुप्पी को सवालों के घेरे में आ गई है. 

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4- भारत के लिए ⁠पाकिस्तान का न्यूक्लियर ब्लफ अब कोई मायने नहीं रखता 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तानी हवाई अड्डों का जो धुआं उड़ाया है उससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकी का असर कम से कम भारत पर तो नहीं ही है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह पाकिस्तान स्थिति आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं उससे साफ है कि भारत पर अब परमाणु धमकी का कोई असर नहीं है. कहा तो यहां तक जाता है कि पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों की सुरक्षा भारत ने तोड़ दी. यही कारण रहा कि अमेरिका को सीजफायर कराने का बहाना मिल गया. मुनीर का यह कहना कि पाकिस्तान डूब रहा है, तो आधी दुनिया को ले डूबेगा. एक बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान तो था ही भारत जैसे राष्ट्र के लिए कोई मायने भी नहीं रखता है.

भारत की परमाणु पॉलिसी नो फर्स्ट यूज़ वाली है. भारत की जवाबी परमाणु क्षमता (लगभग 160 हथियार) और मिसाइल रक्षा प्रणाली (S-400, आकाश) पाकिस्तान (170 हथियार) की धमकी को बेअसर करती है.  पाकिस्तान को यह भी समझना होगा कि भारत की मिसाइल रक्षा प्रणाली से ये आशंका तो रहेगी ही कि पता नहीं उनकी परमाणु हथियार भारत पहुंचने से पहले नष्ट कर दिए जाएं. पर जब भारत का दूसरा हमला होगा तो उसे पाकिस्तान कभी अपने को नहीं बचा पाएगा.यह भी हो सकता है कि किराना हिल्स वगैरह पर भारतीय मिसाइलें पहले ही पहुंचकर उनके सिस्टम को ध्वस्त कर दें.

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