आगर मालवा के बैजनाथ मंदिर से जुड़ी दो चमत्कारी कहानियां सामने आई हैं. पहली कहानी 1931 की है, जब वकील जयनारायण उपाध्याय उर्फ बाप जी अदालत में अपने एक महत्वपूर्ण मुकदमे की तारीख पर देर से पहुंचे. वे भगवान बैजनाथ की भक्ति में लीन थे. जब वे अदालत पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि उनका मुकदमा जीत लिया गया है. मान्यता है कि भक्त का नुकसान न हो, इसलिए स्वयं भगवान ने उनका रूप धारण कर केस की पैरवी की और हस्ताक्षर भी किए. जानिए दूसरी कहानी.