मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के पुत्र और बहू ने राघौगढ़ क्षेत्र में मतदान किया. इस दौरान दिग्विजय के छोटे भाई और चाचौड़ा के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह भी ग्रामीणों के साथ कतार में खड़े नजर आए.
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की राघौगढ़ विधानसभा में मतदान को लेकर सुबह से ही उत्साह नजर आया. इसी बीच राघौगढ़ राज परिवार के सदस्य लक्ष्मण सिंह, जयवर्धन सिंह, सृजाम्या सिंह वोट डालने पहुंचे.
लक्ष्मण सिंह साल 2003 में भी भाई दिग्विजय के लिए वोट डाल चुके हैं. जबकि दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह और उनकी बहू सृजाम्या सिंह ने पहली बार अपने पिता के चुनाव लड़ते समय अपने वोट का उपयोग किया है.
बता दें कि साल 2003 में दिग्विजय सिंह आखिरी बार राघौगढ़ से चुनाव लड़े थे, तब जयवर्धन की उम्र सिर्फ 17 साल थी, इसलिए वह अपने पिता के पक्ष में वोट नहीं डाल सके थे. करीब 21 साल बार दिग्विजय सिंह इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में गुना जिले की चांचौड़ा और राघौगढ़ विधानसभा भी शामिल है.
राजगढ़ सीट से अंतिम चुनाव के इमोशनल कार्ड को सामने रखकर दिग्विजय सिंह जनता के बीच जा गए हैं. उनका मुकाबला बीजेपी के रोडमल नागर से है. बता दें कि नागर पिछले 10 साल से सांसद हैं.
साल 1962 में यहां पर हुए पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार भानुप्रकाश सिंह को जीत मिली. उन्होंने कांग्रेस के लिलाधर जोशी को हराया था. कांग्रेस को इस सीट पर पहली बार जीत 1984 में मिली, जब दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के जमनालाल को मात दी थी.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रोडमल नागर को 8,23,824 वोट मिले थे. BJP कैंडिडेट के मुकाबले कांग्रेस की मोना सुस्तानी को 3,92,805 वोट मिले और नोटा ने 10,375 वोट हासिल किए.
2014 के चुनाव में बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस अंलाबे नारायण सिंह को हराया था. इस चुनाव में नागर को 5,96,727 वोट मिले थे और अंलाबे नारायण को 3,67,990 वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,28,737 वोटों का था. तीसरे स्थान पर बसपा रही थी.
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