एकाएक गिरी अस्पताल के नवजात वार्ड की फॉल्स सीलिंग, डॉक्टर की सूझबूझ से ऐसे बची मासूमों की जान

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिला अस्पताल में बारिश के कारण एनआईसीयू वार्ड की छत की फॉल्स सीलिंग गिर गई. हादसे से एक दिन पहले ही वार्ड प्रभारी डॉ प्रदीप माथुर ने नमी देख बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था, जिससे बड़ा हादसा टल गया. घटना के बाद नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग की योजना बनाई गई है.

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अस्पताल में फॉल्स सीलिंग गिरी (Photo: ITG) अस्पताल में फॉल्स सीलिंग गिरी (Photo: ITG)

पंकज शर्मा

  • राजगढ़,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

मध्य प्रदेश में बारिश के कहर से राजगढ़ जिले में एक बड़ा हादसा होते- होते टला. यहां राजगढ़ जिला मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय में स्थित नवजात के लिए बनाए गए एनआईसीयू वार्ड की छत की पीओपी की फाल्स सीलिंग के चार टुकडे बारिश की नमी से गिर गए. बताया जा रहा है कि बुधवार को हुए इस हादसे के एक दिन पहले ही एनआईसीयू वार्ड प्रभारी डॉ प्रदीप माथुर ने एनआईसीयू वार्ड की छत में बनी हुई नमी को देखते हुए वहां मौजूद दर्जन भर से अधिक बच्चों को पास के ही वार्ड में शिफ्ट करवा दिया था. आज उनके इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है. 

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जिले में गत चार दिनों से बारिश का कहर जारी है. लगातार बारिश से जिले के अधिकतर निजी एवं सरकारी भवन की छतों से पानी टपक रहा है. बुधवार दोपहर राजगढ़ जिला अस्पताल के शिशु नवजात गहन चिकित्सा इकाई वार्ड में अचानक छत के पीओपी के फाल्स सीलिंग के टुकड़े गिर गए.फाल्स सीलिंग गिरने के इस घटना क्रम के बाद लोग दहशत में आ गए. 

चिकित्सक डॉ माथुर एवं अस्पताल स्टाफ ने बताया कि वार्ड में लंबे समय से नमी देखी जा रही थी. इस वजह छत की पीओपी कमजोर हो गई एवं उसमें लगी पीओपी अचानक नीचे आ गिरी. घटना के समय वार्ड में भर्ती करीब दर्जनभर बच्चों को पहले ही सुरक्षित रूप से शिफ्ट कर लिया गया था. एसएनसीयू वार्ड प्रभारी डॉ प्रदीप माथुर ने बताया कि हादसे के पहले ही वार्ड में भर्ती 14 से 15 नवजात बच्चों को पहले ही दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था.

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उन्होंने यह भी कहा कि बिल्डिंग लगभग 15 साल से अधिक पुरानी है. वहां पर पीओपी का वर्क किया हुआ था बारिश से वहां पर सीपेज हो रहा था एवं नमी अधिक होने के कारण ही पीओपी टपक गया है. एक दिन पहले ही सीपेज को देखते हुए बच्चों को पास के ही अन्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. आगे नई बिल्डिंग में बच्चों को शिफ्ट किया जाने की योजना है.

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