'दवा कंपनियों ने बीजेपी को 945 करोड़ का चंदा दिया', MP में सिरप से मौतों पर दिग्विजय सिंह का दावा

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि जिन दवा कंपनियों ने जहरीली दवाएं बेचीं, उन्हें संरक्षण इसलिए मिल रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र में सत्ता में बैठी बीजेपी को चुनावी फंड दिया है. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुल 945 करोड़ रुपये बीजेपी को चंदा दिए.

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भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिग्विजय सिंह ने BJP पर गंभीर आरोप लगाए. (File Photo- PTI) भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिग्विजय सिंह ने BJP पर गंभीर आरोप लगाए. (File Photo- PTI)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 25 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाली दवा कंपनियों पर सरकार इसलिए कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती क्योंकि ये कंपनियां बीजेपी को चुनावी चंदा देती हैं.

भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2 सितंबर से अब तक परासिया में 26 बच्चों की मौतें उसी कफ सिरप के सेवन से हुई हैं, जिसमें डायएथलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा 48.6% पाई गई, जबकि इसकी सुरक्षित सीमा केवल 0.01% होनी चाहिए. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया कि अगर अब जांच में साबित हो गया कि सिरप में जहरीला रसायन मिला था, तो क्या स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद पर बने रहना चाहिए.

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पूर्व सीएम ने दावा किया कि जिन दवा कंपनियों ने जहरीली दवाएं बेचीं, उन्हें संरक्षण इसलिए मिल रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र में सत्ता में बैठी बीजेपी को चुनावी फंड दिया है. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुल 945 करोड़ रुपये बीजेपी को चंदा दिए.

दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि जिन कंपनियों ने यह चंदा दिया, उनमें से 35 कंपनियों की दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी. उनका कहना था कि यह स्पष्ट उदाहरण है कि लोगों की जान और सुरक्षा से खेला जा रहा है और सत्ता संरक्षण के चलते कोई जिम्मेदारी नहीं ली जा रही.

पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय और राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की और कहा कि बच्चों की मौत और दोषी कंपनियों को बचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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