'जिस कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में भी दूषित दवाइयां बेचीं, उसे MP में अनुमति कैसे मिल गई', IMA अध्यक्ष का EXCLUSIVE इंटरव्यू

IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दिलीप भानुशाली ने कंपनी की पिछली करतूतों को उजागर करते हुए सरकार और ड्रग कंट्रोलर को मुख्य दोषी ठहराया है. उनका कहना है कि इस कंपनी ने पहले दक्षिण अफ्रीका में भी डीईजी (DEG) से दूषित दवाइयां बेची थीं.

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IMA अध्यक्ष का डॉ सोनी के निलंबन पर विरोध.(Photo:Screengrab) IMA अध्यक्ष का डॉ सोनी के निलंबन पर विरोध.(Photo:Screengrab)

स्नेहा मोरदानी

  • नई दिल्ली/छिंदवाड़ा,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

MP के छिंदवाड़ा में जहरीली Coldrif कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी और निलंबन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र और राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला है. IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दिलीप भानुशाली ने स्पष्ट कहा कि अगर डॉक्टर दोषी है तो उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाए, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि कफ सिरप के साथ जो हुआ उसके लिए डॉक्टर जिम्मेदार क्यों हैं?

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डॉ. दिलीप भानुशाली ने कंपनी की पिछली करतूतों को उजागर करते हुए सरकार और ड्रग कंट्रोलर को मुख्य दोषी ठहराया है. उन्होंने खुलासा किया कि मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स ने पहले दक्षिण अफ्रीका में भी डीईजी (DEG) से दूषित दवाइयां बेची थीं. अब उसे इन उत्पादों को दोबारा बेचने की अनुमति कैसे मिली?

IMA का साफ कहना है कि दवा नियंत्रक जिम्मेदार है और इस चूक के लिए सरकार जिम्मेदार है. डॉ. भानुशाली ने आरोप लगाया कि कानूनों को सख्त करने के बजाय सरकार ने लगता है कि कंपनी को क्लीन चिट दे दी है.

आईएमए ने कहा है कि प्रोटोकॉल का पालन किया गया है और वे डॉक्टर की गिरफ्तारी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बात करेंगे. IMA यह सुनिश्चित करेगी कि डॉ. प्रवीण सोनी को रिहा किया जाए.

बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर आयुक्त लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन का आधार निजी प्रैक्टिस के दौरान उपचार में 'गंभीर लापरवाही' और 'अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा से नहीं करने' को बताया गया है.

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छिंदवाड़ा के थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी और निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के संचालकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 276 समेत औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27A के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है..

यह कार्रवाई उन बच्चों को दवाइयां पर्चे पर लिखने के कारण की गई, जिनके सेवन से बच्चों की किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा और दुखद मृत्यु हो गई. उधर, Coldrif सिरप के नमूने शनिवार की सुबह जांच रिपोर्ट में अमान्य पाए जाने के बाद, इसे पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

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