मध्य प्रदेश के इंदौर में पेट्रोल पंप संचालकों ने गुरुवार को प्रशासन के 'हेलमेट नहीं, पेट्रोल नहीं' के आदेश का पालन करते हुए गुस्साए ग्राहकों से खुद को बचाने के लिए पुलिस और होमगार्ड की तैनाती की मांग की.
दरअसल, प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत 'हेलमेट नहीं, पेट्रोल नहीं' का आदेश जारी किया है. इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल या 5000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
यह आदेश 1 अगस्त से लागू हो गया है और आदेश का उल्लंघन करने पर पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.
ट्रैफिक पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ एक बैठक में पेट्रोल पंप संचालकों ने चिंता व्यक्त की कि इस नियम को लागू करने से ग्राहकों के साथ विवाद हो सकता है.
इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, "हम जनहित में जारी इस आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें डर है कि बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल देने से मना करने पर हमारे कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार या मारपीट हो सकती है. हम हर पंप पर कम से कम एक कांस्टेबल या होमगार्ड की तैनाती का अनुरोध करते हैं."
पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) अरविंद तिवारी ने आश्वासन दिया कि इस आदेश को लेकर हंगामा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
तिवारी ने कहा, "हालांकि पंपों पर सुरक्षा की प्राथमिक ज़िम्मेदारी संचालकों की है, लेकिन किसी भी विवाद की सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस दल भेजा जाएगा."
यह कदम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे के निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने मंगलवार को एक बैठक के दौरान अधिकारियों को हेलमेट और सीटबेल्ट संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए थे.
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