मध्य प्रदेश के धार में लंबे समय से विवादों में घिरी इमामबाड़ा की इमारत को पीडब्लूडी के सुपुर्द करने के बाद आज पहला जुमा है. इसे देखते हुए आज पूरे धार शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. शहर में सैकड़ों की संख्या में पुलिसबल के साथ एसटीएफ को तैनात किया गया है. वहीं, पुलिस ने पूरे शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला है.
दरअसल, 19-20 अगस्त की दरमियानी रात करीब 4 बजे जिला प्रशासन ने अचानक कार्रवाई करते हुए इमामबाड़ा के मुख्य द्वार पर लोहे का बड़ा गेट लगाकर ताला जड़ दिया था और इमारत को लोक निर्माण विभाग (PWD) के सुपुर्द कर दिया था.
हर शुक्रवार (जुमे) को इमामबाड़े में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जुटते हैं, लेकिन इमारत को पीडब्लूडी के सुपुर्द किए जाने के बाद आज पहला शुक्रवार (जुमा) है और इसलिए आज का दिन स्थानीय प्रशासन के लिए बेहद संवेदनशील है.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे इमामबाड़ा परिसर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है और चार पहिया वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है.
पुलिसबलों को पूरे शहर में तैनात किया गया है तो वहीं एसटीएफ भी बुला ली गयी है. कानून-व्यवस्था मुस्तैद है, इसे दिखाने के लिए शहर भर में पुलिस ने फ्लैगमार्च भी निकाला है.
क्या है विवाद?
कहा जाता है कि यह भवन धार के महाराजा आनंद राव पंवार के शासनकाल में आजादी से पहले बनवाया गया था. 1947 में देश की आजादी के बाद, साल यह इमारत पीडब्लूडी को सौंप दी गई और तब से पीडब्लूडी इस जगह को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किराए पर देने लगा.
साल 1960 के आसपास मुस्लिम समाज ने ताजिया रखने के लिए इस भवन को किराए पर लिया और कुछ साल बाद इमारत पर कब्जा कर लिया गया. तब से यह इमारत विवादों के साए में रही.
(इनपुट: धार से छोटू शास्त्री)
रवीश पाल सिंह