मध्य प्रदेश के बैतूल में एक महिला को अपने बेटे के इलाज के लिए 4 घंटे तक भटकना पड़ा. तीन अस्पतालों में भटकती रही महिला ने जब वीडियो बनाकर सोशल मीडिया का पोस्ट किया तब बेटे का इलाज हुआ और इस मामले में बैतूल कलेक्टर ने छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है.
बैतूल के पाथाखेड़ा निवासी एक महिला को अपने बेटे के इलाज के लिए रविवार की देर रात चार घंटे तक अस्पतालों के चक्कर काटती रही, लेकिन इलाज नहीं मिला. वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बड़ी कार्रवाई की है.
पीड़ित महिला सारिका मिस्त्री ने बताया कि उसके बेटे को साइकिल चलते समय गिरने से पैर के अंगूठे में चोट लग गई थी. रात में इलाज के लिए उन्होंने पहले सरकारी अस्पताल का रुख किया, फिर एक प्राइवेट अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले. आखिरी में वे घोड़ाडोंगरी के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं, मगर वहां भी किसी ने इलाज नहीं किया.
सारिका का कहना है कि चार घंटे तक इधर-उधर भटकते रहे, कोई डॉक्टर नहीं मिला. आखिर थककर हारकर वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, तब जाकर बच्चे के पैर के अंगूठे में टांके लगाए गए.
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी का कहना है कि एक महिला को बेटे के इलाज के लिए तीन अस्पतालों में घूमना पड़ा और चार घंटे तक इलाज नहीं मिला.
कलेक्टर का कहना है कि जनसेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. भविष्य में ऐसी किसी भी शिकायत पर और कठोर कार्रवाई की जाएगी.
राजेश भाटिया