अवॉर्ड मिलते ही बदनामी... देश के 9वें सर्वश्रेष्ठ थाने की खुली पोल, 12वीं पास छात्र को झूठे केस में फंसाया, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड

MP News: मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ पुलिस थाने को कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के टॉप 10 थानों में 9वां स्थान दिया था, लेकिन अब उसी थाने के 6 पुलिसकर्मी 12वीं के छात्र को झूठे केस में फंसाने के चलते सस्पेंड कर दिए गए हैं.

Advertisement
मंदसौर एसपी ने हाई कोर्ट में कुबूली गलती.(Photo:ITG) मंदसौर एसपी ने हाई कोर्ट में कुबूली गलती.(Photo:ITG)

रवीश पाल सिंह / अजय बाड़ोलिया

  • मंदसौर/भोपाल,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

अजब एमपी में एक गजब मामला सामने आया है. जिस पुलिस थाने को महज दस दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री ने देश के टॉप 10 थानों में शुमार किया था, उस थाने के 6 पुलिसकर्मी अब केस में गलत तरह से की गई कार्रवाई के चलते निलंबित हो गए हैं.

मामला मंदसौर के मल्हारगढ़ पुलिस थाने का है. जहां 12वीं के एक छात्र को NDPS एक्ट में पकड़ने के तरीके और पुलिस कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

Advertisement

28 नवंबर को किया गया यह पोस्ट मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना का है. इसमें उन्होंने मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने को देश के टॉप 10 थानों में 9वां स्थान मिलने पर बधाई दी और इसे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया था.

लेकिन इसी मल्हारगढ़ थाने ने अब पुलिस की सिर भरी कचहरी में शर्मसार कर दिया है और वजह है इस थाने के पुलिसकर्मी जिन्होंने एक छात्र को NDPS के एक मामले में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया.

लेकिन पुलिस की कार्रवाई और सच्चाई में इतना झोल था कि मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया. जहां पुलिस के झूठ पर पड़ा पर्दा उठा तो इस अवॉर्ड विनिंग थाने की सच्चाई ने सबको हैरान कर दिया.

दरअसल, हाईकोर्ट ने माना है कि नियमों का पालन नहीं हुआ. फिलहाल आरोपी सोहनलाल कोर्ट में बेगुनाह साबित नहीं हुआ, लेकिन हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. गिरफ़्तारी के स्थान को लेकर वीडियो के आधार पर सोहनलाल को 5 दिसंबर को इंदौर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि फैसला कोर्ट मे सुरक्षित रखा है.

Advertisement

जानिए क्या है पूरा मामला

पूरा मामला शुरू होता है 29 अगस्त 2025 से. इसी दिन मल्हारगढ़ पुलिस ने 18 साल के युवक सोहनलाल पर 2 किलो 714 ग्राम अफीम रखने का केस दर्ज किया था. पुलिस ने युवक को मल्हारगढ़ के श्मशान के सामने से शाम 5 बजे गिरफ्तार करना बताया और बस यहीं से परिवार का माथा ठनका कि उनके बेटे को तो चलती बस से उठाया था, तो फिर दूसरी जगह से गिरफ्तारी क्यों दिखाई? 

इसके बाद सोहनलाल के परिवार ने बस ऑपरेटर से बात कर उस दिन का सीसीटीवी हासिल किया, जिसमें कुछ लोग सोहनलाल को बस से पकड़कर ले जाते देखे.

परिवार इसी सबूत को लेकर हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा, जहां सोहनलाल तो बस से उतारते हुए सुबह 11 बजकर 29 मिनट का समय सबूत के तौर पर पेश किया. पुलिस की बताई जगह और बस में लगे सीसीटीवी की लोकेशन में करीब 35 किलोमीटर का डिस्टेंस है.

इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए सोहनलाल को जमानत दे दी. फुटेज में साफ दिखा कि सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी युवक को बस से उतार रहे हैं, जबकि केस में उसे पुलिस ने श्मशान के समाने बांडा खाल के पास मल्हारगढ़ से पकड़ने का उल्लेख किया गया था. देखें Video:- 

Advertisement

 कोर्ट से सोहनलाल को जमानत मिल गई. लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने मंदसौर एसपी विनोद कुमार मीना को 9 दिसंबर को इंदौर बेंच में जवाब देने के लिए बुलाया. कोर्ट में भी पुलिस के कई झूठ उजागर हुए जैसे

- कोर्ट में पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया था कि सोहनलाल को बस से उतारते सीसीटीवी में दिख रहे लोग पुलिसकर्मी नहीं हैं
- हालांकि] एसपी ने माना कि सीसीटीवी में दिख रहे लोग सादी वर्दी में पुलिसकर्मी ही हैं
- पुलिस ने सोहनलाल की गिरफ्तारी शाम 5 बजे दिखाई थी, जबकि सीसीटीवी में दिख रहा है कि उसे सुबह 11:30 बजे के आसपास बस से उठाया गया
- इस पर एसपी ने माना कि पूरे मामले में लीगल तरीका नहीं अपनाया गया.  

इस पूरे मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि जिस छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसने इसी साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा फर्स्ट क्लास मार्क्स से पास की है. हाईकोर्ट में पुलिस को फटकार के बाद मंदसौर के एसपी विनोद कुमार मीना ने कोर्ट को बताया कि मामले में 6 पुलिकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी की जाएगी. 

इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया उनमें
- मल्हारगढ़ थाने के टीआई राजेंद्र पवार
- एसआई संजय प्रताप सिंह
- एसआई सादिक मंसूरी
- कांस्टेबल नरेंद्र
- कांस्टेबल जितेंद्र
- कांस्टेबल दिलीप

Advertisement

बता दें कि एमपी के इसी मल्हारगढ़ थाने को कुछ दिन पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर में सबसे अच्छे थानों में 9वें नंबर के थाने का अवॉर्ड दिया था. तब जिन कारणों से इस पुलिस स्टेशन को अवॉर्ड मिला उसमें कई मापदंड थे जैसे:- 

- महिला अपराधों की त्वरित विवेचना और समय सीमा में चार्जशीट पेश करना
- कमजोर वर्गों से जुड़े अपराधों में तुरंत कार्रवाई
- गुमशुदा व्यक्तियों की शीघ्र तलाश
- चोरी, लूट, डकैती जैसे संपत्ति संबंधी अपराधों का त्वरित खुलासा
- पुराने प्रकरणों का प्राथमिकता के साथ निराकरण
- समन-वारंट तामीली
- प्रतिबंधात्मक कार्यवाही और अन्य बुनियादी पुलिस कार्यों में उत्कृष्टता
- कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना
- शिकायतकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर पुलिस की सकारात्मक कार्यप्रणाली
- सामुदायिक सहभागिता और प्रो एक्टिव पुलिसिंग के माध्यम से अपराधों की रोकथाम. 
 
बहरहाल, रैंकिंग में तो इस पुलिस थाने ने खुद को देश के टॉप 10 थानों में शुमार करा लिया, लेकिन हाईकोर्ट की फटकार और एसपी के कुबूलनामे ने पुलिस की साख पर बट्टा भी लगा दिया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement