हाल के सालों में बड़े पैमाने पर लोग वेजिटेरियन और प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करने लगे हैं. वो अपने खाने से डेयरी या एनिमल बेस्ड प्रॉडक्ट्स को हटा रहे हैं. इसकी वजह से वो सोया, ओट्स और बादाम के दूध का इस्तेमाल कर रहे हैं. आमंड मिल्क (बादाम) का दूध खासतौर पर लैक्टोज इनटॉलरेंट लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है. हालांकि कई लोग प्रोसेस्ड बादाम का दूध खरीदने के बजाय घर पर ही खुद बादाम का दूध बनाना पसंद कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि बादाम के दूध के क्या फायदे होते हैं.
1. लो कैलोरी और लो कार्बोहाइड्रेट
गाय या भैंस के दूध से अलग बादाम का दूध ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि नहीं करता है जिससे यह डायबिटीज रोगियों के लिए काफी अच्छा है. इसके अलावा ये पूरे दिन शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है. चूंकि ये लो कैलोरी, लो फैट और शुगर लेस होता है इसलिए ये वेट मैनेज करने और चीनी के सेवन पर नजर रखने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है.
2. लैक्टोज इनटॉलरेंस में फायदेमंद
जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस की दिक्कत है, उनके लिए बादाम का दूध बहुत ही हेल्दी ऑप्शन है. डेयरी प्रॉडक्ट्स लैक्टोज इनटॉलरेंट वाले लोगों में पेट फूलने, पेट दर्द और कई पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. बादाम का दूध, प्लांट बेस्ड होने की वजह से लैक्टोज लेस होता है जिससे यह उन लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है जो लैक्टोज या डेयरी प्रॉडक्ट्स से परहेज करते हैं.
3. कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है बादाम का दूध
कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है. यह हड्डियों को मजबूत करता है और ऑस्टियोपोरोसिस की दिक्कत को रोकने में मदद करता है. बादाम के दूध में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है जिससे यह उन लोगों के लिए कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत बन जाता है जो डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं. इसके अलावा मैग्नीशियम ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है.
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