बहुत दुबले लोगों में समय से पहले मौत का खतरा 3 गुना अधिक! BMI पर आंख मूंदकर न करें विश्वास

रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग 18.5 (स्वस्थ BMI) बीएमआई के नीचे आते हैं, उन लोगों में मौत का जोखिम 22.5 और 24.9 के बीच बीएमआई वाले लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक होता है. इस बारे में विस्तार से जानेंगे.

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बीएमआई की स्वस्थ्य रेंज 18.5 से 24.9 तक मानी जाती है. (Photo: AI Generated) बीएमआई की स्वस्थ्य रेंज 18.5 से 24.9 तक मानी जाती है. (Photo: AI Generated)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

अक्सर सभी ने सुना ही होगा कि अधिक वजन के कारण लोगों को कई समस्याएं होती हैं और आगे चलकर यही समस्याएं जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं. लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि थोड़ा अधिक वजन होना आपकी जिंदगी को छोटा नहीं कर सकता लेकिन बहुत ज़्यादा पतला होना आपकी जिंदगी को कम जरूर कर सकता है. दरअसल, शरीर के वजन और आपकी सेहत के बीच का संबंध अक्सर हम जितना समझ पाते हैं, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है.

85,000 से अधिक वयस्कों पर की गई डेनिश स्टडी में पाया गया है कि 118.5 से कम बीएमआई वाले लोगों की समय से पहले मृत्यु होने की संभावना 22.5 और 24.9 के बीच बीएमआई वाले लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थी.

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पतले लोगों में समय से पहले मौत का खतरा

रिसर्चर्स का कहना है कि BMI सिर्फ हाइट और वेट पर आधारित एक केल्कुलेशन है. यह शरीर की फैट डिस्ट्रिब्यूशन, डाइट, लाइफस्टाइल या जेनेटिक फैक्टर्स को शामिल नहीं करता और यही कारण है कि BMI हर व्यक्ति के लिए सटीक पैमाना नहीं हो सकता.

आमतौर पर 18.5 से 24.9 बीएमआई को हेल्दी माना जाता है लेकिन रिसर्च में यह भी सामने आया कि इस रेंज के नीचे आने वाले लोगों की जान भी जोखिम में होती है. दरअसल, जिनका BMI 18.5 से 19.9 था, उनमें मौत का खतरा दोगुना पाया गया था. हालांकि ये निष्कर्ष आश्चर्यजनक लगते हैं क्योंकि 18.5 और 24.9 के बीच बीएमआई को आमतौर पर स्वस्थ्य माना जाता है.

ओवरवेट लोग अधिक खतरे में नहीं

स्टडी में सामने आया है कि ओवरवेट या मोटापे से ग्रस्त (BMI 25 से 35) लोग जिनके बारे में माना जाता था कि उन्हें वजन के कारण जोखिम अधिक है, उन्हें मौत का खतरा अधिक नहीं था. सिर्फ जिनका बीएमआई 40 से अधिक था, उनमें ही मौत का जोखिम 2 गुना पाया गया था. यानी जिनका वजन थोड़ा ज्यादा है, उन्हें यह नहीं मान लेना चाहिए कि वे मौत के खतरे में है. रिसर्च के नतीजे इस बात को चैलेंज करते हैं कि पतला होना हमेशा सेहतमंद होता है और मोटापा हमेशा जोखिम में डालता है.

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क्यों खतरनाक है बहुत दुबला होना?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत दुबले लोगों के शरीर में फैट स्टोर काफी कम होता है और जब कोई गंभीर बीमारी या ट्रीटमेंट (जैसे कि कैंसर की कीमोथेरेपी के दौरान वजन गिरता है) होता है तब शरीर को रिकवरी के लिए स्टोर किए गए फैट की जरूरत होती है. जिन लोगों के पास पर्याप्त फैट नहीं होता, उनका शरीर जल्दी कमजोर पड़ जाता है और जरूरी अंग सही से काम नहीं कर पाते. इस कारण अधिक पतला होना भी सेहतमंद नहीं बल्कि जानलेवा साबित हो सकता है.

BMI हमेशा सही पैमाना नहीं

डेनिश रिसर्चर्स का मानना है कि अब सेफ BMI रेंज 22.5 से 30 तक मानी जा सकती है. यानी थोड़ा-बहुत ओवरवेट होना उतना नुकसानदायक नहीं जितना पहले माना जाता था. रिसर्च का मुख्य संदेश यही है कि बहुत दुबला होना खतरनाक है और पतलापन हमेशा सेहतमंद नहीं होता. थोड़ा ज्यादा वजन होना हमेशा जानलेवा नहीं है. सेहत का असली पैमाना हेल्दी डाइट, एक्टिव लाइफस्टाइल और मेडिकल चेकअप होना चाहिए. BMI को सिर्फ एक इंडिकेटर मानना चाहिए.

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