क्या डायबिटीज में चीनी की जगह शहद और गुड़ फायदेमंद है? जान लें सच्चाई

गुड़ और शहद नैचुरल शुगर होती है जिसमें ढेरों पोषक तत्व होते हैं. यह दोनों चीनी के हेल्दी ऑप्शन हो सकते हैं लेकिन डायबिटीज के रोगियों को बिना डॉक्टर के परामर्श के इनका सेवन नहीं करना चाहिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

चीनी डायबिटीज के मरीजों के लिए कितनी नुकसानदायक है, यह बात हम सभी जानते हैं. वास्तव में डायबिटीज मरीजों के लिए ही नहीं चीनी का ज्यादा सेवन किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत हेल्दी नहीं होता है. गुड़ और शहद चीनी के हेल्दी ऑप्शन हो सकते हैं लेकिन डायबिटीज के रोगियों के लिए इसका सेवन कितना सही है,  इसके लिए किसी डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है.

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गुड़ और शहद को डायबिटीज के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि ये प्राकृतिक शुगर (नैचुरल शुगर) होती है. खाद्य पदार्थ का हर प्राकृतिक रूप फिर चाहे गुड़ हो या शहद...सभी हेल्दी होता है. 

दुनिया भर में हुईं हैं कई रिसर्च
अध्ययनों में पाया गया कि शहद खाने से शरीर को कार्डियोमेटाबोलिक फायदा मिल सकता है जिसका अर्थ है कि यह दिल की सेहत को भी अच्छा बनाता है और मधुमेह जैसे मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है. 

शुद्ध और कच्चा शहद रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकता है. रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि शहद में पाए जानी वाली रेयर स्वीटनर जैसे आइसोमाल्टुलोज, कोजिबायोज, ट्रेहलोज, मेलेजिटोज ग्लूकोज रिसपॉन्स में सुधार करते हैं.

क्या होता है रॉ हनी यानी कच्चा शहद
कच्चे शहद का मतलब है बिना किसी प्रॉसेसिंग वाला शुद्ध शहद. कच्चे शहद को बोतल में बंद करने से पहले केवल छाना जाता है जिसका मतलब है कि इसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद ज़्यादातर फ़ायदेमंद पोषक तत्व और एंटीऑक्सिडेंट्स बरकरार रहते हैं. इसके विपरीत सामान्य शहद को कई तरह की प्रोसेसिंग से गुजरना पड़ सकता है जिससे उससे कई पोषक तत्व निकल जाते हैं. कच्चा शहद सीधे छत्ते से आता है और फिल्टर या अनफिल्टर्ड दोनों रूपों में उपलब्ध होता है. रेगुलर शहद में एक्स्ट्रा चीनी भी हो सकती है.

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नैचुरल और एडेड शुगर का शरीर पर प्रभाव
एडेड शर्करा की तुलना में प्राकृतिक शर्करा की बढ़ती मांग हमारा ध्यान एक प्रश्न की ओर खींचती है कि क्या वाकई में प्राकृतिक चीनी यानी शहद और गुड़ का शरीर की प्रॉसेसिंग (शरीर द्वारा किसी भी खाद्य पदार्थ का उपयोग)  पर कोई प्रभाव पड़ता है.

हार्वर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे शरीर में नैचुरल और एडेड चीनी का प्रॉसेस (शरीर द्वारा किसी भी खाद्य पदार्थ का उपयोग) एक ही तरह से होता है. लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए फलों जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद प्राकृतिक चीनी का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है क्योंकि इसमें चीनी की मात्रा मामूली होती है. साथ ही इसमें फाइबर और कई हेल्दी पोषक तत्व होते हैं. वहीं, हमारे शरीर को एडेड शुगर खाने की जरूरत नहीं होती है और इससे कोई फायदा नहीं होता है. 

गुड़ रासायनिक रूप से जटिल है

गुड़ चीनी की तुलना में रासायनिक रूप से अधिक जटिल है और इसमें सुक्रोज की लंबी श्रृंखलाएं होती हैं. सामान्य चीनी की जगह इसका इस्तेमाल करना थोड़ा सेफ हो सकता है. गुड़ पारंपरिक स्वीटनर है जिसका कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह स्वीटनर अपरिष्कृत (प्रॉसेस्ड) होता है और इसलिए इसमें चीनी की तुलना में अधिक पोषक तत्व होते हैं. गुड़ ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है.

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प्रीडायबिटीज को कैसे रिवर्स करें
डायबिटीज को हम रिवर्स नहीं कर सकते लेकिन प्रीडायबिटीज को कर सकते हैं. हम अपने आहार, फिटनेस और अन्य जीवनशैली की आदतों पर ध्यान देकर ऐसा कर सकते हैं. ऐसे में प्रॉसेस्ड चीनी को ऐसे स्वीटनर से रिप्लेस करना थोड़ा स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है जिसमें अधिक विटामिन और खनिज होते हैं लेकिन इस स्थिति में वास्तव में अपने आहार में गुड़ को शामिल करना सही नहीं है क्योंकि यह हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स में गिना जाता है. 

ग्लाइसेमिक इंडेक्स 
ग्लाइसेमिक इंडेक्स या जीआई कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के लिए एक रेटिंग प्रणाली है. किसी खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बताता है कि कोई भी खाद्य पदार्थ आपके रक्त शर्करा के स्तर को कैसे प्रभावित करेगा. जीआई को समझने का सरल तरीका यह है कि कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे और लगातार ग्लूकोज रिलीज करते हैं और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले तेजी से ग्लूकोज रिलीज करते हैं.

ये डायबिटिक के लिए झूठी उम्मीद है 
इन दिनों रिफाइंड चीनी की तुलना में प्राकृतिक चीनी के अत्यधिक सेवन पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मधुमेह रोगियों के लिए गुड़ चीनी का अच्छा विकल्प नहीं है. इसका कारण यह है कि गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है. 

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गुड़ का सेवन करने पर मधुमेह रोगी के शरीर में ब्लड शुगर उसी लेवल पर पहुंच जाता है जितना हम चीनी खाने से उम्मीद करते हैं. इसलिए गुड़ चीनी के समान ही है.

गुड़ किसे खाना चाहिए

गुड़ खाने का फायदा यह है कि यह आयरन और मैग्नीशियम का बढ़िया स्रोत होता है और इसलिए यह आपके हीमोग्लोबिन के लिए अच्छा है लेकिन केवल नॉन-डायबिटिक रोगियों के लिए ही गुड़ का सेवन अच्छा है. चीनी की जगह गुड़ खाने से डायबिटीज के रोगियों को चीनी से होने वाले नुकसान से बचाव का झूठा अहसास होता है.

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