दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो साल दर साल बढ़ती जा रही है. यह समस्या खासतौर पर सर्दियों में और त्योहारों के मौसम में अधिक विकट हो जाती है. मंगलवार सुबह AQI 500 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया गया है. वहीं लोगों को इससे बचे रहने की सलाह दी जा रही है. इस बढ़ते प्रदूषण से वृद्ध, पुरानी बीमारी वाले, कमजोर लंग्स वाले, बच्चे अधिक प्रभावित होंगे. तो आइए इस प्रदूषण से बचने के लिए एक्सपर्ट का क्या कहना है, यह जान लीजिए.
पानी पिएं और मास्क लगाएं
मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह है कि जब तक प्रदूषण का स्तर नीचे नहीं आता, तब तक खुले में कम से कम निकलें और पानी पीते रहें. हेपा फिल्टर लगा एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता जिस स्तर पर पहुंच चुकी है, उसमें N95 मास्क पहनना बेहद जरूरी हो गया है. क्योंकि N95 और N99 मास्क पीएम 2.5 और पीएम 10 के खिलाफ काफी असरदार हैं और सर्जिकल या कपड़े के मास्क की तुलना में ये बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है.
लगातार एक ही मास्क इस्तेमाल न करते रहें क्योंकि मास्क की फिल्टर करने की ताकत भी लगातार कम होती जाती है. ये ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और हवा में उड़ रहे कार्बनिक पदाथों के कणों को फिल्टर नहीं करने में मुश्किल पैदा कर सकता है इसलिए मास्क को बदलते रहना चाहिए.
प्रदूषण से सबसे ज्यादा जोखिम किन लोगों को?
पांच साल से कम उम्र के बच्चों और उससे ज़्यादा उम्र के वयस्कों को विशेष रूप से जोखिम है. छोटे बच्चों के फेफड़े और प्रतिरक्षा प्रणाली अविकसित होते हैं, जिससे वे प्रदूषकों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
वृद्ध वयस्कों के लिए, फेफड़ों की कार्यक्षमता में उम्र से संबंधित गिरावट और पहले से मौजूद बीमारियां वायु प्रदूषण के प्रभाव को बढ़ाती हैं. गर्भवती महिलाओं और पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को भी अधिक जोखिम है.
प्रदूषित वाली हवा के नुकसान
वायु प्रदूषण अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी स्थितियों को भी बढ़ाता है, जो निमोनिया के लिए जोखिम कारक हैं. इसके अलावा प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से हृदय और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिससे शरीर के लिए निमोनिया संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है. रिसर्च के मुताबिक, हवा क्वालिटी में सुधार से निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों का बोझ काफी हद तक कम हो सकता है.
प्रदूषिण से कैसे बचें?
पानी पीने और मास्क लगाने के अलावा आप अपने आपको फिजिकल एक्टिव भी रखें. लंग्स को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज और योगासन करें. हेल्दी डाइट लें ताकि इम्यूनिटी स्ट्रांग रहे. आंखों को हवा से बचाने के लिए चश्मा पहन सकते हैं. अगर तकलीफ अधिक है तो डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं.
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