पैर पर पैर रखकर बैठने से इन गंभीर समस्याओं का खतरा, पिता बनने में भी हो सकती है परेशानी

Crossed Legs: लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल एनाटॉमी लर्निंग सेंटर के डायरेक्टर प्रो. एडम टेलर (Professor Adam Taylor) ने बताया है कि क्रॉस लेग यानी पैर के ऊपर पैर रखने से कौन सी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

घर हो या ऑफिस, लोग अक्सर कुर्सी या सोफे पर बैठना पसंद करते हैं क्योंकि इन पर बैठना काफी कंफर्टेबल होता है. कुछ लोग पैर को सीधे करके बैठते हैं तो कुछ लोग पैर के ऊपर पैर रखकर. लेकिन हाल ही में एक एक्सपर्ट ने बताया है कि लोगों को अपने पैरों को क्रॉस करके क्यों नहीं बैठना चाहिए और इस आदत का शरीर पर लंबे समय में क्या नकारात्मक प्रभाव हो सकता है. लोग दो तरह से पैरों को क्रॉस करके बैठना पसंद करते हैं. पहले में घुटने पर घुटना रखकर और दूसरा टखनों को क्रॉस करके.

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एक्सपर्ट बताते हैं कि क्रॉस लेग पोजिशन में बैठने से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं. द कन्वर्सेशन के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि 62 प्रतिशत लोग बाएं से दाएं पैर को क्रॉस करके बैठते हैं, 26 प्रतिशत दाएं से बाएं क्रॉस करके बैठते हैं और 12 प्रतिशत किसी भी तरह बैठ सकते हैं. लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल एनाटॉमी लर्निंग सेंटर के डायरेक्टर प्रो. एडम टेलर (Professor Adam Taylor) ने खुलासा किया है कि आपको क्रॉस लेग्स के साथ बैठने से क्यों बचना चाहिए. तो आइए उन कारणों को भी जान लीजिए.

1.स्केलेटन का मिसअलाइंमेंट (Misalignment of the skeleton)

रिसर्च बताती हैं कि क्रॉस-लेग्ड बैठने से हिप्स का अलाइमेंट गलत हो सकता है. इसके अलावा लेग क्रॉसिंग के कारण रीढ़ और कंधों की हड्डियों में लंबे समय बाद दर्द भी हो सकता है. पैर पर पैर रखकर बैठने से गर्दन की हड्डी में परिवर्तन हो सकता है जो आगे चलकर गर्दन और लोअर बैक के निचले हिस्से को भी प्रभावित कर सकता है. क्रॉस-लेग्ड बैठने से शरीर के दाएं और बाएं हिस्से के बीच मांसपेशियों में असंतुलन हो सकता है जिससे कमजोरी, जकड़न और पैरों के गठन से स्कोलियोसिस की संभावना भी बढ़ सकती.

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2. शुक्राणु उत्पादन (Sperm production)

रिसर्च में बताया गया है कि एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर रखकर बैठने से पुरुष के स्पर्म काउंट पर असर पड़ सकता है. नॉर्मल बैठने पर अंडकोष का तापमान पहले से ही 2C (35.6F) बढ़ जाता है और जब कोई क्रॉस लेग पोजिशन में बैठता है तो यह आंकड़ा बढ़कर 3.5C (38.3F) हो जाता है. 

रिसर्च से पता चलता है कि अधिक तापमान पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता को कम कर सकता है जिससे स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करना कठिन हो सकता है. हालांकि, महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अपने पैरों को क्रॉस करके बैठने की संभावना कम हो सकती है. प्रोफेसर टेलर के मुताबिक, 'पुरुषों और महिलाओं की शारीरिक बनावट में अंतर के कारण, महिलाओं के लिए क्रॉस-लेग्ड बैठना शायद बहुत आसान है क्योंकि पुरुषों के हिप्स ज्वाइंट महिलाओं के हिप्स ज्वाइंट की अपेक्षा कठोर होते हैं."

3. रक्त के थक्के (Blood clots)

पैरों को क्रॉस करके बैठने से शरीर के निचले अंगों की रक्त वाहिकाओं में स्ट्रेस आता है और वह स्ट्रेस नसों के माध्यम से खून की गति को धीमा कर देता है जिससे खून के थक्के बन जाते हैं. खून के थक्के खून के जेल (गाढ़े पदार्थ) जैसे दिखते हैं और वे तब बनते हैं जब खून लिक्विड से ठोस रूप में बदल जाता है. 

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खून के थक्के बनना एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया हो सकते हैं जैसे कि जब त्वचा कट या छिल जाती है क्योंकि यह अधिक खून बहने से रोकते हैं. लेकिन 'यदि कोई पैरों को क्रॉस करके बैठता है तो आगे चलकर खून के थक्के जम सकते हैं जिससे कई शारीरिक परेशानियां आ सकती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए एक ही स्थिति में बहुत देर तक स्थिर न बैठें और नियमित रूप से सक्रिय बने रहें.

 

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