Coronary artery disease: आज के समय में कई लोग हार्ट संबंधित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. कई मामलों में इन बीमारियों से लोगों की मौत भी हो रही हैं. कोरोनरी धमनी डिसीज भी एक तरह की हार्ट डिसीज है जो उस समय होती है जब हार्ट को पर्याप्त मात्रा में खून, ऑक्सीजन और पोषक तत्व देने वाली कोरोनरी धमनियां डैमेज हो जाती हैं. धमनियों में सूजन आना, उनके अंदर फैट, कोलेस्ट्रॉल जमने के कारण कोरोनरी धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं और वह हार्ट तक पर्याप्त मात्रा में खून, ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंचा पातीं.
हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि भारतीयों को धमनियों के छोटे व्यास (Diameters) के कारण कोरोनरी धमनी रोग का खतरा नहीं होता है बल्कि भारतीयों के छोटे शरीर सतह क्षेत्र (Smaller body surface area) के कारण यह स्थिति बनती है. यह रिसर्च सर गंगा राम अस्पताल के कार्डियोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग के रिसर्चर्स द्वारा की गई है.
250 रोगियों पर हुई रिसर्च
250 रोगियों पर हुई रिसर्च जो जर्नल ऑफ इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में पब्लिश हुई है उसके मुताबिक, रिसर्चर्स को लोगों की आम धारणा के विपरीत रिजल्ट मिले हैं जो दिखा रहा है कि भारतीयों को धमनियों के छोटे व्यास के कारण कोरोनरी धमनी रोग की अधिक शिकायत नहीं होती.
सर गंगा राम हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंट और राइटर डॉ. अश्विनी मेहता के मुताबिक, "पहले ऐसी धारणा थी कि एशियाई और विशेष रूप से भारतीयों को उनकी छोटे कोरोनरी धमनी व्यास के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में फैट जमा होना) का जोखिम बढ़ता है लेकिन हमारी रिसर्च से बात सामने आई है कि भारतीय आबादी में कोरोनरी धमनी रोग, वाहिका व्यास के कारण नहीं बल्कि शरीर के छोटे सतह क्षेत्र के कारण होती है इसलिए धमनियों का छोटा होना भारतीय आबादी में कोरोनरी धमनी रोगों के जोखिम का मुख्य कारण नहीं है."
शरीर का सतह क्षेत्र क्या होता है (what is the body surface area)
बॉडी साइंस और मेडिसिन में शरीर का सतह क्षेत्र (Body surface area, बीएसए) मानव शरीर का मापा गया सतह क्षेत्र है. कई मामलों में बीएसए शरीर के वजन की तुलना में मेटाबॉलिक मॉस का बेहतर अनुमान देता है क्योंकि यह शरीर के फैट द्रव्यमान से काफी कम प्रभावित होता है.
आमतौर बीएसए की सही गणना करना तो नामुमकिन है लेकिन कुछ फॉर्मूलाज से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बीएसए की गणना करने के लिए सबसे अधिक 'डू बोइस फॉर्मूला' इस्तेमाल किया जाता है. यह मोटे और पतले लोगों में उस फैट की भी तुलना कर सकता है जो बॉडी मास इंडेक्स में सटीक नहीं आता. इस फॉर्मूला में वजन (W) और हाइट (H) से बॉडी सर्फेस एरिया की गणना की जा सकती है.
कोरोनरी धमनी रोग के बारे में यह भी जानें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह ऐसी बीमारी है जिसमें फैट या कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी धमनियों के अंदर विकसित होता है. इसके कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है. छाती में दर्द और बेचैनी, कोरोनरी धमनी डिसीज का सबसे आम कारण है. अगर किसी को लगातार सीने में दर्द हो रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह कोरोनीर धमनी रोग का पहला संकेत हो सकता है. कोरोनरी धमनी रोग के ये भी हो सकते हैं लक्षण.
- बैचेनी
- उल्टी आना
- हाथ में लगातार दर्द
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
कोरोनरी धमनी रोग के कारण (Reason of coronary artery disease)
एक्सपर्ट के मुताबिक, अधिक वजन, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, अनहेल्दी भोजन, धूम्रपान आदि धमनी रोग के कारण हो सकते हैं. या फिर अगर किसी की इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है.
मिलन शर्मा