Chemical Chana Alert: गोरखपुर में पकड़ा गया 750 बोरी केमिकल से रंगा चना, ऐसे पकड़ें मिलावट

Chemical Chana Alert: गोरखपुर में खाद्य विभाग ने केमिकल से चमकाया गया भुना चना जब्त किया है, जिसमें कैंसर फैलाने वाला सिंथेटिक डाई मिला था. अगर आप भी भुना चना खाते हैं, तो जानिए घर पर असली और नकली चने की पहचान करने के 5 आसान टेस्ट.

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चनों को रंगने के लिए इस्तेमाल की जा रही डाई खाने के लिए नहीं बल्कि कपड़े रंगने के काम आती है. (Photo: ITG) चनों को रंगने के लिए इस्तेमाल की जा रही डाई खाने के लिए नहीं बल्कि कपड़े रंगने के काम आती है. (Photo: ITG)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

Chemical Chana Alert: अगर आप भी रोज शाम की भूख मिटाने के लिए भुना हुआ चना हेल्दी समझकर खाते हैं, तो ये खबर आपको चौंका सकती है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 750 बोरी सिंथेटिक केमिकल युक्त भुना चना जब्त किया है. जांच में सामने आया कि इन चनों को पीला और चमकदार बनाने के लिए कपड़े रंगने वाला खतरनाक केमिकल इस्तेमाल किया गया था, जो कैंसर, लिवर और किडनी डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

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सबसे डराने वाली बात यह है कि ऐसा चना आम लोगों तक आसानी से सप्लाई हो रहा था, क्योंकि इसे रोजाना के हेल्दी स्नैक्स के तौर पर खाया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है आप कैसे पहचानेंगे कि जो चना आप खा रहे हैं, वो असली है या केमिकल वाला? चलिए बताते हैं आपको.

गोरखपुर में क्या हुआ? जानिए पूरा मामला
खाद्य विभाग ने गोरखपुर के राजघाट इलाके में स्थित मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स के गोदाम पर छापा मारकर 750 बोरी भुना चना सीज किया. जांच में पता चला कि चनों को पीला दिखाने के लिए ‘सिंथेटिक येलो डाई’ का इस्तेमाल किया गया था. सहायक खाद आयुक्त सुधीर सिंह के मुताबिक, ये डाई खाने के लिए नहीं बल्कि कपड़े रंगने के काम आती है. ये केमिकल कैंसर का खतरा बढ़ाता है, लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाता है, बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है. फिलहाल चने की बिक्री पर रोक लगा दी गई है और पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है.

क्यों खतरनाक है केमिकल से चमकाया गया चना?
जांच में सामने आया है कि कई जगह चनों को चमकदार और पीला दिखाने के लिए Auramine O या Synthetic Yellow Dye जैसे इंडस्ट्रियल केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये केमिकल टेक्सटाइल, कागज और चमड़े के बिजनेस में इस्तेमाल होते हैं. खाने में इनका इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है. इंटरनेशनल एजेंसियों की मानें तो ये केनिकल्स शरीर में कैंसर पनपने की बड़ी वजह बन सकते है, लेकिन सस्ता होने के कारण कुछ लालची व्यापारी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

घर पर कैसे करें असली और नकली चने की पहचान?  
गोरखपुर में मिले केमिकल युक्त चनों को देखकर अब सबके मन में ये सवाल जरूर आएगा कि आखिर घर बैठे कैसे पहचानें कि चना केमिकल वाला है या नहीं? इसके लिए घर पर 5 आसान टेस्ट किए जा सकते हैं. 

1. वॉटर टेस्ट/पानी टेस्ट

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कैसे करें:
एक गिलास साफ पानी लें, उसमें मुट्ठीभर भुना चना डालें और हल्का सा हिलाएं. अगर पानी साफ रहे तो चना ठीक है. लेकिन अगर पानी पीला या दूधिया हो जाए, तो केमिकल मिला हो सकता है.

2. रब टेस्ट

कैसे करें:
कुछ चने लेकर सफेद कपड़े या टिशू पर जोर से रगड़ें. अगर कोई रंग न आए तो चने खाने के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन अगर कपड़े पर पीले/लाल निशान आएं तो इसमें सिंथेटिक रंग मिला है.

3. खुशबू टेस्ट

कैसे करें:
चनों को हल्का सा धोकर फिर उन्हें सूंघें. अगर हल्की, मिट्टी जैसी खुशबू आए तो चना असली है, लेकिन केमिकल या साबुन जैसी गंध आए तो नकली है.

4. टिशू क्रश टेस्ट

कैसे करें:
चना टिशू पेपर पर रखकर उंगलियों से दबाएं. अगर रंग न छूटे तो चने ठीक हैं, लेकिन अगर पीला या लाल दाग पड़े तो सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं.

5. गर्म करने का टेस्ट

कैसे करें:
सूखे तवे पर बिना तेल चना हल्का गरम करें. अगर नॉर्मल भुनी खुशबू आए तो चने खाने के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन अगर तीखी या जलन वाली गंध आए तो इनमें केमिकल मौजूद है.

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