मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत पर सुप्रीम कोर्ट 18 मार्च, यानि सोमवार को फैसला सुनाएगा. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ अपना फैसला सुनाएगी. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन को ईडी ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था.
कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें करीब नौ महीने पहले अंतरिम जमानत दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन पर इस मामले से जुड़े गवाहों, शिकायतकर्ताओं आदि पर दबाव प्रभाव का प्रयोग करने, उनसे और मीडिया से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपर्क करने, राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने जैसी कई तरह की पाबंदियां भी लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को इलाज के लिए अंतरिम जमानत पर छह हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत से छोड़ा था. फिर ये अवधि समय-समय पर बढ़ती रही और अब नौ महीने से भी ज्यादा वक्त हो गया है. फैसला आते आते लगभग पौने दस महीने हो जाएंगे.
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मई 2022 में हुई गिरफ्तारी
कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा था, '2017 से मई 2022 तक सात अवसरों पर मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया. लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. मई 2022 में मुझे गिरफ्तार किया गया. मुझे गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं थी. मैं दिल्ली का स्थाई नागरिक हूं. कहीं भागने वाला नहीं हूं.'
14 फरवरी 2017 से मई 2022 तक की डिटेल बताते हुए सिंघवी ने कहा कि तीन कंपनियों जिनमें मंगलायतन भी शामिल है उनको लेकर मुकदमा बनाया गया है. सिंघवी ने कहा कि वैभव और अंकुश जैन इन कम्पनियों में हैं. उनका मेरा कोई रिश्ता वहीं बस सरनेम एक है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि वो पार्टनर हैं.
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संजय शर्मा