कुलपति विनय पाठक केस की सीबीआई ही करेगी जांच, HC ने खारिज की याचिका

कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई की जांच करेगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जांच का विरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता डेविड डेनिस ने कुलपति के केस की हाई कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी. डेविड ने पिछले साल अक्टूबर ने विनय पाठक के खिलाफ लखनऊ के इंदिरानगर थाने में केस दर्ज कराया था.

Advertisement
विनय पाठक केस की सीबीआई जांच मामले की हाई कोर्ट ने की सुनवाई (फाइल फोटो) विनय पाठक केस की सीबीआई जांच मामले की हाई कोर्ट ने की सुनवाई (फाइल फोटो)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:05 PM IST

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक पर दर्ज केस की सीबीआई जांच का विरोध करने वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया. डेविड डेनिस ने सीबीआई से जांच न कराने को लेकर याचिका दाखिल की थी. उन्होंने हाई कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी, लेकिन वह याचिका दाखिल करने के बाद कोर्ट में बयान दर्ज कराने नहीं जा रहे थे. विनय पाठक पर लखनऊ के इंदिरानगर थाने में डेविड डेनिस ने केस दर्ज कराया था.

Advertisement

ठेके में कमीशनखोरी का है आरोप

पिछले साल 29 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में digitex technology India private limited के एमडी डेविड डेनिस ने प्रोफेसर विनय पाठक और उनके करीबी अजय मिश्रा पर ठेके में कमीशन वसूली, वसूली के लिए बंधक बनाने समेत कई धाराओं में केस दर्ज कराया था.

डेविड से 41 लाख वसूलने का आरोप

आरोप लगाया गया कि साल 2019-20 और 2020-21 में डेविड डेनिस की कंपनी ने आगरा विश्वविद्यालय की प्री और पोस्ट परीक्षा में प्रिंटिंग का काम किया था, इसके बिल के भुगतान के लिए ही विनय पाठक कमीशन की मांग कर रहे थे, आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति के चार्ज पर रहते हुए विनय पाठक ने डेविड डेनिस के बिल को मंजूर करने के एवज में अजय मिश्रा के जरिए तीन बार में एक करोड़ 41 लाख रुपये वसूले थे.

Advertisement

दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया कि जब डेविड ने विनय पाठक को आगे कमीशन नहीं दिया तो आगरा विश्वविद्यालय में प्रिंटिंग का काम अजय मिश्रा की कंपनी XLICT को दे दिया गया था. डेविड डेनिस की एफआईआर पर  जांच करते हुए यूपी एसटीएफ और लखनऊ पुलिस ने सबसे पहले विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया.

अजय मिश्रा से पूछताछ के बाद दिल्ली के व्यापारी अजय जैन और फिर संतोष सिंह को गिरफ्तार किया था. विनय पाठक का बयान दर्ज करने के लिए यूपीएसडीएम तीन बार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन यूपी एसटीएफ के नोटिस के बावजूद विनय पाठक हाजिर नहीं हुए.

उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते 30 दिसंबर को सीबीआई से जांच कराने के लिए सिफारिश की थी, जिस पर कार्मिक मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. वहीं डेविड डेनिस ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सीबीआई जांच का विरोध करते हुए याचिका डाली थी.

याचिका में कहा कि बिना वादी की मंजूरी के सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में यूपी पुलिस ही करे. डेविड डेनिस की इस याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई होनी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement