चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले परिवहन विभाग ने व्यवसायिक वाहनों के चालकों और परिचालकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस बार यात्रा मार्ग पर वाहन चलाते समय चप्पल पहनने पर रोक लगा दी गई है.
चालकों को जूते या बूट पहनकर ही वाहन चलाने की अनुमति होगी. सड़क सुरक्षा नियमों के तहत मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177A के तहत सामान्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान किया गया. परिवहन विभाग के अनुसार, हर वाहन में फर्स्ट एड किट अनिवार्य रूप से रखनी होगी.
दोपहिया वाहनों पर दोनों लोगों के लिए हेलमेट अनिवार्य
इसके अलावा दोपहिया चालक और परिचालक दोनों के लिए हेलमेट पहनना भी जरूरी किया गया है. सभी व्यवसायिक वाहनों का पंजीकरण, फिटनेस, बीमा और परमिट के दस्तावेज पूरे होने चाहिए. वाहन खड़ा करने के लिए सुरक्षित स्थान का चयन करें और खड़ी गाड़ी में हैंडब्रेक तथा टायर चॉक का उपयोग अनिवार्य होगा.
वाहन के पीछे त्रिकोणीय रेडियम बोर्ड लगाना भी आवश्यक कर दिया गया है, ताकि रात के समय दुर्घटनाओं से बचा जा सके. साथ ही, किसी भी वाहन में निर्धारित सीमा से अधिक यात्री नहीं बैठाए जा सकेंगे. इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित चालक का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है.
ओवरस्पीड, रेस ड्राइविंग और ओवरलोडिंग पर निगरानी
चारधाम यात्रा के लिए सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि यात्रा मार्गों का सर्वे कराया गया है और जिन मार्गों की रिपोर्ट मिल चुकी है, उनमें मिली कमियों को दूर किया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी, बीआरओ और एनएचएआई द्वारा इसमें सहयोग किया जा रहा है.
गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर जाने वाले विकासनगर से यमुना ब्रिज होकर जो मार्ग जाता है, वह एकतरफा है लेकिन स्थानीय वाहनों की आवाजाही दोनों ओर से होती है, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है. क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं और यात्रा मार्गों में ओवरस्पीड, रेस ड्राइविंग और ओवरलोडिंग पर निगरानी के लिए इंटरसेप्टर वाहन तैनात किए गए हैं.
अधिकारियों को दी गई स्पीड निर्धारण की ट्रेनिंग
अधिकारियों को स्पीड निर्धारण की ट्रेनिंग दी गई है ताकि वे स्वयं सर्वे कर गति सीमा तय कर सकें. जगह-जगह स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाए गए हैं और अन्य आवश्यक छोटे-छोटे कार्यों को भी समय पर पूरा किया जा रहा है. यात्रा इस बार 30 अप्रैल से शुरू होगी. गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट इसी दिन खुलेंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ के 12 मई को खोले जाएंगे.
CM धामी ने कहा- सरकार ने पूरी कर ली हैं तैयारियां
यात्रियों को उत्तराखंड में प्रवेश सिर्फ दो मार्गों-हरिद्वार और कोटद्वार-से ही मिलेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कह चुके हैं की इस बार चारधाम यात्रा को सहज, सरल और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा है की यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी. चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा, नियमों का पालन और सड़क पर अनुशासन इस बार प्राथमिकता में है, ताकि यह पवित्र यात्रा श्रद्धालुओं के लिए यादगार और सुरक्षित बन सके.
अंकित शर्मा