उत्तराखंड पंचायत चुनाव: बद्रीनाथ और नैनीताल में बीजेपी को बड़ा झटका, विधायक की पत्नी भी चुनाव हारीं

Uttarakhand Panchayat Election Result: बद्रीनाथ क्षेत्र को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गढ़ माना जाता है. यहां भाजपा को करारी हार मिली है, वहीं लैंसडाउन से विधायक महंत दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटवाल ने हरा दिया. राज्य की 358 जिला पंचायत सीटों में से 125 सीटों पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशी विजयी घोषित किए जा चुके हैं. कांग्रेस समर्थित 83 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं. 150 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी बाजी मारी है.

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उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के परिणाम आने लगे हैं. (Photo: ITG) उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के परिणाम आने लगे हैं. (Photo: ITG)

अंकित शर्मा

  • देहरादून ,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 का रिजल्ट आ गया है. बीजेपी ने एक बार फिर परचम लहराया है. ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक... हर जगह कमल खिला है. 200 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी और उसके समर्थकों को जीत मिली है. कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अप्रत्याशित प्रदर्शन किया है.

राज्य की 358 जिला पंचायत सीटों में से 200 से ज्यादा सीटों पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशी विजयी घोषित किए जा चुके हैं. कांग्रेस समर्थित 83 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं. 150 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी बाजी मारी है.

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बद्रीनाथ क्षेत्र को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गढ़ माना जाता है. यहां से भाजपा को करारी हार देखने को मिली है, वहीं, लैंसडाउन से विधायक महंत दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटवाल ने हराया.

देहरादून, बागेश्वर, पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रहा जबकि चमोली जैसे जिले में मतदाताओं ने पारंपरिक पार्टियों को पीछे छोड़कर बड़ी संख्या में निर्दलीयों को चुना.

विधायक की पत्नी हारीं

राजधानी देहरादून में 30 जिला पंचायत सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें से 13 पर भाजपा, 7 पर कांग्रेस और 10 पर निर्दलीयों को जीत मिली है. पौड़ी जिले में मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा. कुल 38 सीटों में से भाजपा ने 18, कांग्रेस ने 16 और निर्दलीयों ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया. हालांकि भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिलीं, लेकिन कई दिग्गज उम्मीदवारों की हार से भाजपा को आंतरिक तौर पर झटका लगा है. लैंसडाउन से विधायक महंत दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत को कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटवाल ने हराया. वहीं, खिर्सू की ग्वाड़ सीट से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संपत सिंह को कांग्रेस के चैत सिंह ने हराया.

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19 सीटाें में 9 पर जीती भाजपा 

बागेश्वर जिले की 19 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा ने 9, कांग्रेस ने 6 और निर्दलीयों ने 4 सीटें जीतीं. हालांकि यहां भाजपा को कुछ राहत मिली है, लेकिन निर्दलीयों की मौजूदगी ने यहां भी अध्यक्ष पद के लिए समीकरण जटिल बना दिए हैं. अल्मोड़ा में 45 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने 21, भाजपा ने 19 और निर्दलीयों ने 5 सीटें जीतीं. यहां कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं हासिल कर सकी, जिससे यह तय हो गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का पद निर्दलीयों के समर्थन से ही तय होगा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के गढ़ में भी झटका

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में चमोली जनपद में भाजपा और कांग्रेस दोनों को बड़ा झटका लगा है. कुल 26 जिला पंचायत सीटों में से भाजपा सिर्फ 4, कांग्रेस 5, जबकि 17 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे. पोखरी ब्लॉक की रानो सीट सबसे हॉट रही, जहां पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी को करारी हार मिली. इसी तरह ज्योतिर्मठ क्षेत्र के ढाक और हेलंग वार्डों में भी भाजपा और कांग्रेस को तीसरे से छठे स्थान तक संतोष करना पड़ा. यहां निर्दलीय प्रत्याशी आयुषी बुटोला और रमा राणा ने शानदार जीत हासिल की. इन नतीजों से साफ है कि चमोली में मतदाता अब पारंपरिक दलों से हटकर नए विकल्पों को चुन रहे हैं. बद्रीनाथ क्षेत्र को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गढ़ माना जाता है. यहाँ से भी भाजपा को करारी हार देखने को मिली है.

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इन नतीजों ने साफ कर दिया है कि जहां कुछ जिलों में भाजपा ने बढ़त बनाई है, वहीं कांग्रेस ने कई जगहों पर ज़मीन मजबूत की है. निर्दलीयों की भूमिका हर जिले में बेहद अहम बनकर उभरी है, और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सियां किसके पाले में जाएंगी.

उत्तराकाशी में भी भाजपा को झटका

उत्तरकाशी जनपद की 28 जिला पंचायत सीटों के लिए हुए चुनाव परिणामों में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. पार्टी समर्थित सिर्फ 7 प्रत्याशी ही जीत दर्ज कर पाए, जबकि कांग्रेस पृष्ठभूमि से जुड़े उम्मीदवारों और निर्दलीयों ने 21 सीटों पर कब्जा जमाया. सबसे चर्चित मुकाबला रामा वार्ड में देखने को मिला, जहां पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवान ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष सतेंद्र राणा को हराकर तीसरी बार जीत हासिल की. हालांकि भाजपा के लिए कुछ राहत की बात यह रही कि पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश चौहान ने झोटाड़ी मोरी वार्ड से जीत दर्ज कर पार्टी की साख आंशिक रूप से बचाई. इस बार के परिणामों में महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही. 28 में से 15 सीटों पर महिलाएं जीतीं.

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