उत्तरकाशी जंगल लगी आग पर फॉरेस्ट विभाग और SDRF, NDRF की संयुक्त टीम ने काबू पा लिया है. उत्तरकाशी के जंगल में बुधवार रात को वन प्रभाग और अपर यमुना वन प्रभाग में भीषण आग लग गई थी. पहाड़ों में आग की वजह से वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है. वहीं, जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही वन विभाग, SDRF, NDRF और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई थी और रात भर की मशक्कत के बाद अब फॉरेस्ट विभाग की टीम, SDRF और NDRF की संयुक्त टीम ने आग पर काबू पा लिया है.
बीते दिनों पहाड़ों पर आग लगने की घटना से लाखों की वन संपदा जल कर खाक हो चुकी है. वरुणावत-गूफायारा एरिया में के साथ-साथ आग गंगा और यमुना के जंगलों में भी फैल गई थी, जिससे यहां के स्थानीय निवासी और तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. जंगल में लगी आग से उठे धुएं आसपास के पूरे इलाके में धुंध की चादर छा गई है. इसके चलते पूरे इलाके में तेजी से गर्मी बढ़ गई है.
मौके पर पहुंची वन विभाग और NDRF की टीमें
जंगल में आग लगने की सूचना रेंज अधिकारी बाडाघाट को स्थानीय लोगों ने फोन द्वारा दे दी है. आग लगने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के 12 कर्मियों के साथ-साथ 5 एसडीआरएफ, 16 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम, आपदा प्रबंधन/QRT टीम मौके पर पहुंच गई थीं और अब रात भर की मशक्कत के बाद टीम ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया है.
लगातार फैल रही है आग
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगे वरुणावर्त की पहाड़ी में लगी आग तेजी से फैल रही है. हालांकि, फॉरेस्ट और एनडीआरएफ सहित क्यूआरटी की टीम आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. पर आग बेकाबू होती जा रही है.
इससे पहले नैनीताल के कैंची धाम मंदिर के आसपास के जंगल में भीषण आग लग गई. आग लगातार तेज हवा के साथ फैल रही है. जानकारी के मुताबिक, कैंची धाम मंदिर के पास चीड़ के जंगल हैं. इस वजह से भी इस आग पर काबू पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा.
कुमाऊ और गढवाल दोनों क्षेत्र हैं आग से प्रभावित
आग लगने से राज्य की अमूल्य वन संपदा खाक हो रही है. कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में सबसे अधिक आग लगने की घटनाएं सामने आई थी जहां फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. इसके अलावा अल्मोड़ा. नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर जैसे जिलों के कई जंगली क्षेत्र भी आग की चपेट में आए थे जिनमें से बागेश्वर और चंपावत के अधिकांश इलाकों में आग पर काबू पा लिया गया है. वहीं गढ़वाल मंडल की बात करें तो यहां नरेंद्र नगर, उत्तरकाशी, मसूरी, कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल, गोपेश्वर, रूद्रप्रयाग जैसे कई वन्य क्षेत्र आग की चपेट में चुके हैं. इनमें से कुछ जगहों पर आग पर काबू पा लिया गया है. जबकि कुछ जगहों पर अभी भी आग धधक रही है. उत्तराखंड वन विभाग के मुताबिक, आग लगने से 749.6375 रिजर्व फॉरेस्ट एरिया (हेक्टेयर) प्रभावित हुआ है.
ओंकार बहुगुणा